रामनगर, बाराबंकी। महाभारत कालीन ऐतिहासिक तीर्थ स्थल लोधेश्वर महादेवा को काशी की तर्ज पर कॉरिडोर बनाने का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। तहसील प्रशासन और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट व पर्यटन विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा 147 भवनों को चिन्हित किया गया है। इसमें आवासीय मकान एवं प्रतिष्ठान भी शामिल है। लेखपालों की टीम के द्वारा सभी मकान एवं दुकान के मालिकों से स्वामित्व के अभिलेख मांगे जा रहे हैं। जमीन खरीद कर मकान एवं दुकान बनाने वाले भवन स्वामी तो अपने बैनामा खतौनी आदि अभिलेख लेखपालों के पास जमा कर रहे हैं लेकिन जो पैतृक मकानों में बाबा अथवा पिताजी के बाद रह रहे हैं उनके पास मकान के कोई अभिलेख नहीं हैं। जिसको लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई कि उनको मुआवजा मिलेगा अथवा नहीं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन की देखरेख में संबंधित विभागों के अधिकारियों के द्वारा लोधेश्वर तीर्थ का काशी कॉरिडोर की तर्ज पर विकास करने के लिए, नाप जोख करके कार्य योजना मानचित्र, तैयार किया गया है। जिसमें बताया जाता है कि 147 भवन चिन्हित किए गए हैं जिन्हें हटाया जाना है। जिसमें तमाम दुकान और मकान भी शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक बैनामा और खतौनी जिन भवन स्वामियों के पास उपलब्ध है। उन्हें जमा कराया जा रहा है। जिससे मुआवजा की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।