डॉ. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर जी की जयंती को पूरे भारत में, खासकर उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में, इतने हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाना उनके योगदान के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
वाह, क्या शानदार उत्सव! डॉ. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में, खासकर केसरई ग्राम पंचायत में, इतने हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाना वाकई प्रेरणादायक है। डीजे साउंड के साथ भव्य शोभायात्रा और हजारों ग्रामवासियों की सहभागिता ने इस अवसर को और भी यादगार बना दिया
क्या शानदार उत्सव ! डॉ. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में, खासकर केसरई ग्राम पंचायत में, इतने हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाना वाकई मे प्रेरणादायक है। डीजे साउंड के साथ भव्य शोभायात्रा और हजारों ग्रामवासियों की सहभागिता ने इस अवसर को और भी यादगार बना दिया,
केसरई ग्राम पंचायत में डॉ. बाबा साहेब की जयंती का इतने धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ उत्सव और डीजे साउंड के साथ आकर्षक शोभायात्रा का आयोजन किया गया जो बहुत ही शानदार रहा है!
केसरई ग्राम पंचायत में डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर इतनी भव्य शोभायात्रा का आयोजन और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रणजीत यादव, पूर्व प्रधान भगौती यादव, रोहित यादव, और अन्य सभी ग्रामवासियों की सक्रिय भागीदारी इसे और भी खास बनाती है। पूरे समुदाय का एकजुट होकर उत्सव मनाना बाबा साहेब के संदेश को जीवित रखने का शानदार उदाहरण है।
केसरई ग्राम पंचायत में डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर वीरेन्द्र कुमार, विनय कुमार, रामचेत गौतम,
कपिल कान्त ,राम जियावन ,रामचेत गौतम ,राहुल कुमार गौतम ,विकास कुमार गौतम ,पतिराम,राम सवारे ,कैलाश चन्द ,विनय कुमार गौतम,हरिनाथ ,गिरिजेश कुमार ,राम अवतार ,जेलर ,शशिकांत, अनिल कुमार मिन्नू पंकज ,सूरज कुमार ,आजाद ,रामू गौतम , पतिराम
और समस्त ग्रामवासियों की उपस्थिति में भव्य शोभायात्रा का आयोजन अद्भुत रहा है! पूरे गाँव का एकजुट होना और उत्साह बाबा साहेब के प्रति सम्मान को और गहरा करता है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती, जिसे अंबेडकर जयंती या भीम जयंती के रूप में जाना जाता है, भारत में हर साल 14 अप्रैल को मनाई जाती है। यह दिन भारत के संविधान निर्माता, सामाजिक सुधारक, और दलित आंदोलन के प्रणेता डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उनका जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था।
यह दिन न केवल बाबा साहेब के जन्म का उत्सव है, बल्कि उनके विचारों—समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, और न्याय—को बढ़ावा देने का अवसर भी है।भारत के कोने-कोने में, खासकर दलित, पिछड़े, और सामाजिक न्याय के समर्थक समुदायों में, शोभायात्राएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार, और सामाजिक जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं।
आज अंबेडकर जयंती भारत में एक सार्वजनिक अवकाश है, खासकर कई राज्यों में, जैसे महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, और तमिलनाडु।
यह दिन न केवल अंबेडकर के अनुयायियों बल्कि सभी भारतीयों के लिए उनके विचारों को अपनाने और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने का अवसर है।