खागा (फतेहपुर) उमरा गांव में चल रही सतचंडी महायज्ञ एवं भागवत कथा शनिवार के दूसरे दिन भी आयोजन किया गया। जिसमें कथावाचक डा. संतोषदास महराज ने श्रोताओं को भागवत कथा का रसपान कराया। और श्रोताओं ने ध्यान मन मुग्ध होकर भागवत कथा सुनी और अपने जीवन मे उतारने का संकल्प लिया। 
खागा तहसील क्षेत्र के उमरा गांव में शतचंडी महायज्ञ एवं भागवत कथा के दूसरे दिन कथा पाठ करते हुए कथावाचक संतोष दास महराज ने कहा कि पाप ही जिसका कर्म है, धर्म  दुराचारी है, जो वेद का मार्ग नही मानता वह बीमारगी है। ये वेद मार्ग चार सूत्रीय मार्ग है, जिसमे मातृदेव भव, पित्र देव भव ,अतिथि देव भव, आचार्य देव भव  है। इसलिए अतिथि का सम्मान करना चाहिए। अतिथि का सम्मान जानवर नही कर सकता है। अतिथि का सम्मान इंसान ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि जो बात बात पर भोजन की थाली फेंकता है। वो अपराध कर रहा है। अन्नपूर्णा का सम्मान नही करोगे तो सुख शांति नही मिलेगी। बिना खाए गुजारा नही होगा तो क्यो उस अन्न का अपमान क्यों करते हो। इसी प्रकार श्रोताओं को भागवत कथा मे भक्ति रस का पान कराया गया।
इस मौके पर कार्यक्रम के आयोजक महंत पंडित विजय शर्मा उर्फ गणेशदास जी महराज, मधुरम महराज जी, जिला मीडिया प्रभारी भोले शुक्ला, अखिलेश अग्रहरि, सत्य प्रकाश दुबे, मनोज शर्मा, गोलू शर्मा सहित ग्रामीण क्षेत्र के भक्त गण मौजूद रहे।

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