रामसनेहीघाट-बाराबंकी।
योगी सरकार जहाँ किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए तमाम योजनाओं को अमली जामा पहना रही है। वही कुछ अधिकारी अपनी मनमानी कार्यशैली से सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। कुछ ऐसा ही नज़र आया बाराबंकी के रामसनेहीघाट इलाके में जहाँ राजकीय कृषि भंडार बीज वितरण केंद्र पर गोदाम प्रभारी द्वारा की जा रही मनमानी के चलते डीएम के कहने के बाद भी किसानों को निःशुल्क बीज किट नही मिल सकी।
ज्ञात हो की शासन द्वारा बनीकोडर ब्लॉक के किसानों में निःशुल्क वितरण के लिए 4 किलो उड़द के बीज की 200 किट राजकीय कृषि भंडार पर भेजी गई थी। लेकिन गोदाम प्रभारी जितेन्द्र कुमार द्वारा इसकी जानकारी ना तो ग्राम प्रधानों को दी गई और ना ही किसानों को। गुरुवार को गोदाम प्रभारी अपने कुछ चहेते किसानों को बुलाकर किट का वितरण कर रहे थे, इस बीच निःशुल्क किट की भनक लगने पर कुछ किसान जब वहां आये तो प्रभारी ने शुक्रवार को किट देने की बात कहकर उन्हें वापस कर दिया था।
शुक्रवार की सुबह जब किसान निःशुल्क बीज किट लेने किसान कल्याण केंद्र पहुंचे तो गोदाम प्रभारी जितेंद्र कुमार गोदाम में ताला लगाकर गायब हो गए। धीरे-धीरे दर्जनो महिला व पुरुष किसान गोदाम पर इकट्ठा हो गए। लेकिन करीब 1:00 बजे तक ताला न खुलने से किसान आक्रोशित होकर नारेबाजी करने लगे। इसी बीच जानकारी मिली कि थोड़ी दूर पर पुराने कृषि भवन में गोदाम प्रभारी बैठकर अपने चहेते किसानो की पर्ची काट रहे हैं। जिससे किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और लोगों ने तत्काल जिलाधिकारी को फोन करके मामले से अवगत कराया।
किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने तत्काल एसडीएम रामसनेहीघाट को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। डीएम में आदेश पर एसडीएम ने गोदाम प्रभारी को फटकार लगाते हुए किसानों को निःशुल्क बीज किट वितरित करने के निर्देश भी दिए। लेकिन डीएम और एसडीएम के कड़े रुख के बावजूद गोदाम प्रभारी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर निशुल्क बीज किट का वितरण नहीं किया। गोदाम प्रभारी की हठधर्मिता के चलते घंटों के इंतेज़ार के बाद भी किसानों को बैरंग लौटना पड़ा।