जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग में पिछले दो साल से ताला लटक रहा है। यहां पर हृदय रोग का डॉक्टर न होने के कारण ओपीडी में आने वाले मरीजों को रेफर किया जा रहा है। अब तक करीब आठ मरीजों को रेफर किया जा चुका है। वहीं अस्पताल में आने वाले सांस के मरीजों का उपचार फिजीशियन कर रहे हैं।

जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग में तैनात रहे डॉ. संजीव वर्मा दो साल पहले सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद से आज तक यहां पर हृदय रोग के चिकित्सक की तैनाती आज तक नहीं की जा सकी है। जिला अस्पताल का निरीक्षण करने आए डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के सामने अमर उजाला ने समस्या को रखा तो उन्होंने समस्या के शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।

ठंड बढ़ने के साथ ही जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन सांस के 30 से 35 मरीज आ रहे हैं। इनका उपचार फिजीशियन के द्वारा किया जा रहा है। वहीं, हृदय रोग के मरीजों के बेहतर उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है। अस्पताल प्रशासन की माने तो ऐसे करीब आठ मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किया गया है। इस बाबत सीएमएस डॉ. ब्रजेश कुमार का कहना है कि अस्पताल में हृदय रोग का चिकित्सक न होने की बात से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया दिया गया है। चिकित्सक की तैनाती के लिए बराबर प्रयास किए जा रहे हैं।

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