अयोध्या तमाम खासियतों के भरपूर वन्दे भारत ट्रेन अब माता जानकी की जन्म स्थली से राम जन्म भूमि के बीच चलेगी। यह अगले साल 2024 के 14 जनवरी के बाद नियमित रूप से चलाया जाना है और इसके ट्रायल रन के लिए 24 दिसंबर की तारीख तय की गई है।

सीतामढ़ी माता जानकी की जन्म स्थली से राम जन्म भूमि अयोध्या के बीच चलने वाली देश की पहली वंदे भारत साधारण को चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। स्लीपर कोच के साथ चलनेवाली वंदे भारत साधारण को अगले साल 2024 के 14 जनवरी के बाद नियमित रूप से चलाया जाना है। इसको लेकर उससे पहले ट्रेन का ट्रायल रन किया जाना है, जिसके लिए 24 दिसंबर की तारीख तय की गई है।

जानिए कब से होगा ट्रायल
रविवार को दरभंगा से ट्रायल में यह ट्रेन चलने वाली है। ट्रेन ट्रायल का वक्त शाम के तीन बजे शुरू होगा, जो दरभंगा से कमतौल, जनकपुर रोड, सीतामढ़ी, बैरगनिया, घोड़ासहन, रक्सौल, नरकटियागंज वाया सिकटा होते हुए वाल्मीकिनगर कप्तानगंज के रास्ते अयोध्या तक जाएगी। इस संबंध में सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन अधीक्षक सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेन ट्रायल से पूर्व की तैयारी के निरीक्षण के लिए आज यानी 23 दिसंबर को हाजीपुर रेल महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं। ट्रायल में चलने वाली इस ट्रेन में वरिष्ठ अधिकारीगण एवं सुरक्षा अधिकारी सवार होंगे। इसके साथ ही ट्रेन के मार्ग की निगरानी तीनों जोन के महाप्रबंधकों, डीआरएम और वरिष्ठ परिचालन प्रबंधकों द्वारा की जाएगी। ट्रायल ट्रेन को लेकर खास तैयारी की गई है। जिस दिन यह ट्रेन नियमित तौर पर चलना शुरू करेगी उस दिन सीतामढ़ी सहित सभी स्टापेज पर केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, मेयर, विधायक समेत तमाम गणमान्य मौजूद रहेंगे।

जानिए क्या है खासियत
इस ट्रेन की तमाम खासियत है। माना जा रहा है कि खरमास यानी 14 जनवरी के बाद से ट्रेन के नियमित परिचालन शुरू होगा।देश में अब तक जितनी वंदे भारत चलाई जा रही है, सभी में एसी कोच है। यह पहली बार होगा जब वंदे भारत स्लीपर कोच के साथ चलेगी। इस ट्रेन की खास बात यह है कि पुश-पुल तकनीक से तैयार की गई है। इसका फायदा यह होगा कि पुश-पुल तकनीक में ट्रेन के आगे और पीछे लोकोमोटिव होते हैं। आगे वाला इंजन ट्रेन को खींचता है और पीछे वाले को धक्का देता है, जिससे ट्रेन की रफ्तार तेजी से बढ़ती है। तकनीकी भाषा में इसे पुश-पुल लोकोमोटिव कहा जाता है। इस ट्रेन की रफ्तार वैसे तो 130 किमी प्रति घंटा है, लेकिन इस रूट पर रेल ट्रैक को भी मजबूत करना होगा मगर वह फिलहाल संभव नहीं है। इसलिए ट्रेन की गति नहीं ट्रैक की क्षमता के अनुसार स्पीड अधिकतम 110 किमी प्रति घंटे ही हो सकेगी।

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