पीड़िता ने जनसुनवाई के माध्यम से ग्रह एवं गोपन विभाग से लगाई न्याय की फरियाद…
पीड़िता के पति की संपत्ति बिकवाना चाहते हैं अराजक तत्व….
बघौली/हरदोई -थाना क्षेत्र बघौली गांव तेरवा निवासी सरोजनी पति रमेश पुत्री श्यामलाल ने थाना से लेकर पुलिस अधीक्षक,जिला अधिकारी,महिला आयुक्त उत्तर प्रदेश सहित दर्जनों शिकायती पत्र दिए। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई न हो सकी। बता दे बीते 8 अक्टूबर को पीड़िता ने जनसुनवाई के माध्यम से गृह एवं गोपन विभाग से फरियाद लगाई है बताया कि मेरी शादी 20 फरवरी 1996 को बघौली थाना क्षेत्र के तेरवा गांव निवासी रमेश उर्फ पप्पू के साथ हिंदू रीति रिवाजों से हुई थी।शादी के कुछ दिन बाद से ही मेरे पति रमेश उर्फ पप्पू शराब पीकर हमे और हमारे बच्चें आरती (25)ज्योति (14) अन्नु पाल (11)व अरुण पाल(10)को गाली-गलौज कर मारपीट करता रहता था। दिनांक 10/07/2013 को हमें और हमारे बच्चों को मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया।तब से अपने 4 बच्चों सहित अपने पैतृक गांव अहिरावां अपने पिता के पास आकर रहने लगी। वर्षों इंतजार करने के बावजूद मेरे पति मुझे लिवाने नहीं आए।तब जबरन हम ससुराल घर में रहने की कोशिश की। लेकिन मुझे व बच्चों को रहने नहीं दिया। वह जेसीबी से घर गिरवाकर मार डालने की मुझे धमकी देते रहते हैं।कई बार हमारे परिवार वालों ने मेरे पति को समझाने का प्रयास किया लेकिन बात न बनने पर मेरे परिवार वालो ने 05/12/2018 को न्यायालय में गुजारा भत्ता का मुकदमा पंजीकृत करवाया जो न्यायालय में विचाराधीन है। जल्द में मुझे पता चला है कि थाना कासिमपुर क्षेत्र के हेलवाइखेड़ा के दो चचेरे भाई शत्रोहन पुत्र फूलचंद्र व कन्हई पुत्र श्रीराम मेरे पति को मेरे बच्चों के प्रति भड़काकर प्लाट व खेत को बेचने की फिराक में लग कर बयाना कर दिया था।जिसकी शिकायत मैंने थाना बघौली में की। पुनः 5 अक्टूबर 2023 को सुबह फिर से शत्रुघ्न ने मेरे पति को बरगला कर खेत व प्लांट को खरीदने वाले लोगों से बातचीत कर बिक्री हेतु हरदोई गए थे। मुझे जानकारी होने पर में जब पहुंची तो वहां पर मेरे पति रमेश सत्रोहन मुझे देखते ही वहां से भाग निकले। पीड़िता ने यह भी कहना है खेत प्लाट बिक्री हो गया तो हमारे बच्चों की परवरिश कैसे हो पाएगी। अगर शत्रुघ्न ने पुनः पति को बहला फुसलाकर संपत्ति बिक्री करने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। हमारे पति कि संपूर्ण संपत्ति बगैर हमारे सहमति की बिक्री न की जाए। शासन प्रशासन तत्काल इस ओर ध्यान दें।