जल परिवहन को धार देने और वाराणसी में बढ़ते पर्यटन को देखते हुए उत्तर प्रदेश का पहला क्रूज टर्मिनल गंगा किनारे बनाया जाएगा। दो एकड़ में अत्याधुनिक क्रूज स्टेशन विकसित किया जाएगा।
जल परिवहन को धार देने और वाराणसी में बढ़ते पर्यटन को देखते हुए उत्तर प्रदेश का पहला क्रूज टर्मिनल गंगा किनारे बनाया जाएगा। दो एकड़ में अत्याधुनिक क्रूज स्टेशन विकसित किया जाएगा। रामनगर-सामनेघाट पुल से लेकर गंगा किनारे नमो घाट के बीच जगह चिह्नित की जा रही है। इस स्टेशन पर एक साथ छह से सात क्रूज खड़े हो सकेंगे। पीपीपी मॉडल पर क्रूज स्टेशन का संचालन किया जाना है।
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिकारियों के अनुसार वाराणसी में पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही और विश्वनाथ धाम के बाद से गंगा में क्रूज की संख्या बढ़ गई है। पहले जहां एक अलकनंदा क्रूज का संचालन होता था, अब वहीं चार से पांच क्रूज काशी में चलने लगे हैं।
वाराणसी-चुनार के बीच क्रूज का संचालन
देश के सबसे बड़े क्रूज गंगा विलास भी काशी से रवाना हुआ है। इसके बाद से यहां और भी क्रूज की मांग बढ़ी है। आने वाले दिनों में काशी से चुनार वाया प्रयागराज और काशी से कैथी मार्केंडेय महादेव के संगम घाट तक क्रूज संचालन का खाका खींचा गया है। ट्रायल के तौर पर वाराणसी-चुनार के बीच क्रूज का संचालन हो चुका है।
क्रूज स्टेशन पर ये होंगी सुविधाएं
जल परिवहन अधिकारियों के अनुसार, स्टेशन पर हर यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शिपिंग काम्प्लेक्स, रेस्टोरेंट, एयरपोर्ट सरीखा वेटिंग लाउंज, पार्किंग, हेल्प डेस्क, सिक्योरिटी गार्ड आदि व्यवस्था की जाएगी। निजी कंपनी को इसके संचालन का जिम्मा सौंपा जा सकता है। पिछले दिनों वाराणसी दौरे पर आए जलमार्ग पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी इसका जिक्र किया था।
रामनगर के राल्हूपुर में है मल्टी मॉडल टर्मिनल
वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग-एक के लिए रामनगर के राल्हूपुर में मल्टी मॉडल टर्मिनल बनाया गया है। यहां मालवाहक जलपोत आवाजाही करते हैं। हालांकि यहां से महीने में कभी कभार ही जलपोत आवाजाही करते हैं। दो एकड़ में क्रूज के लिए स्टेशन बनाया जाना है। आईडब्ल्यूएचआई के उप निदेशक आरसी पांडेय ने कहा कि गंगा किनारे ही रामनगर से नमोघाट के बीच जमीन चिह्नित की जा रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस क्रूज स्टेशन में यात्रियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।