बस्ती, गौर:- सरकार के दावों को पलीता लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे भ्रष्टाचारी, अधिकारियों की मिली भगत हो या ग्राम प्रधान की दबंगई दोनों ही तरफ से केवल जनता ही त्रस्त होती है। एक ही फर्जी काम को दिखाकर लगातार हाजिरी लगाते हुए पैसे निकाले जाते हैं, यकीन नही होगा लेकिन फाइलें जब अलमारी से निकल कर मेंज पर आएंगे तब सारा हकीकत सारा फसाना समझ में आ जाएगा। मामला गौर विकासखंड के बड़ोखर ग्राम पंचायत के “मुलायम के खेत से दक्षिण राजकुमार के चक तक चकबंद एवं निर्माण कार्य” यह सरकार के विकासवादी नीति पर कुठाराघात कहा जाए या योगी सरकार की नीतियों को मटिया-पलीत करने की नियत। दूसरी तरफ यह देखने को मिल रहा है कि ग्राम पंचायत की तरफ से मनरेगा के तहत चक मार्ग निर्माण का कार्य जो चल रहा है वह तो मानक विहीन है ही उसके उपरांत अभी 40 लोगों की प्रतिदिन हाजिरी लग रही है अमूमन देखने को यह मिलता है कि फर्जी काम दिखा दिया जाता है और पेमेंट के लिए मास्टर रोल लगातार चलता रहता है। ऐसा ही कुछ माजरा इस ग्राम पंचायत का भी है। कर्मचारी एवं अधिकारियों की मिली भगत के कारण कई लाख रूपयों के वारे न्यारे हो रहे हैं। इस काम का अगर रेखांकन और सरहदों का मिलान किया जाए तो इस काम में जितना ग्राम पंचायत का मानक है उससे लगभग 2 गुना एस्टीमेट बनवा लिया गया है। मौके पर उपस्थित व्यक्तियों के जानकारी के अनुसार काम को 5से 8 हजार रुपए ठेके पर दे दिया जाता है बाकी पेमेंट फर्जी डेमो के खाते से निकाल लिया जाता है, उनही खातों से निकलवाकर प्रधान अपनी व अधिकारियों की जेबें गर्म करते हैं। ठेके पर कराए गए कार्य 4 दिन में ही खत्म करवा लिया गया लेकिन लगातार अभी तक 40 लोगों की हाजिरी लग रही है। जनश्रुतियों की माने तो प्रधान की राजनीतिक छवि एवं पकड़ होने की वजह से अधिकारी व कर्मचारी भी इनके भ्रष्टाचारों पर पर्दा डालने से कोई गुरेज नहीं करते। अब देखना यह है कि संबंधित प्रकरण में क्या फाइलें दबी रहेगी या फिर भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर निकलेगा और संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी इस पर अंकुश लगाएंगे या फिर भ्रष्टाचार के जिन्न से डरते रहेंगे।