संवाद सहयोगी, खागा : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से संचालित होम बेस्ड केयर फार यंग चाइल्ड कार्यक्रम के अंतर्गत अब आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर नौनिहालों का हाल जानेंगी। जनपद में पहले से योजना संचालित है, लेकिन विभाग द्वारा अब इसको फिर से अमल में लाया जाएगा। योजना के तहत कार्यकर्ता नवप्रसूताओं के घर-घर जाकर बच्चों का हालचाल लेंगी। सभी ब्लाक कार्यालयों की आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर बच्चों की जांच करना है। जांच के बाद वह बच्चों के लिए आयरन सिरफ, जिंक टैबलेट और ओआरएस के पैकेट का वितरण करेंगी। ताकि रात में किसी प्रकार की परेशानी होने पर स्वजन स्थिति को संभाल सकें। इसके बाद सुबह आशा कार्यकर्ता की मदद से बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया जाएगा। जांच के उपरांत उनमें होने वाली बीमारियों के लक्षण के आधार पर पहचान कर चिकित्सक उनका इलाज करेंगे। छोटे बच्चों में सबसे अधिक डायरिया, कुपोषण, निमोनिया सहित अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। माना जा रहा है कि इस व्यवस्था से बच्चों की मृत्युदर में कमी आएगी। इसके साथ ही वह समय-समय पर बच्चों का वजन व लंबाई की भी जांच करेंगी। योजना के तहत आशा कार्यकर्ता बच्चे के पैदा होने के बाद से हर तीन माह में उनकी जांच करेंगी। इसके अलावा बच्चों के लिए पोषण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यकर्ता तीन, छह, नौ, 12 और 15 माह पर उनकी जांच के लिए घर-घर जाएंगी।
जिम्मेदार की जुबानी
छोटे बच्चों में सबसे अधिक
डायरिया, निमोनिया, कुपोषण सहित अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। इस योजना के तहत बच्चों की मृत्युदर में कमी आएगी। इसके साथ- साथ छोटे बच्चों की लंबाई व वजन की भी जांच की जाएगी। किसी बच्चे में कोई समस्या होने पर उसका उचित उपचार कराया जाएगा। इसके संबंध में आशाओं को आनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है।
डा. मनीष शुक्ला अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरदों