संविधान रक्षक जिला संवाददाता उमेश तिवारी बाराबंकी
वृक्षों की गणना किए जाने के संबंध में अमित अवस्थी द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वर्ष कई हजार पौधे एक एक गाँव में रोपित किये जा रहे हैं लेकिन वन विभाग जैसे अपने लगाए पेड़ों की गिनती करता है उसी तरह गांव के अंदर के वृक्षों की कोई लिखा पड़ी किसी भी योजना में नहीं होने से गांव की मानव आबादी की अपेक्षा वृक्ष कम हो गए हैं जिससे पर्यावरण को खतरा पैदा हो गया है। आम जनमानस में यही धारणा है कि गांव की अपेक्षा नगर में वायु प्रदूषित होती है जनगणना की शुरुआत हुई है लेकिन प्रथमदृष्टया यह समझ में आ रहा है कि गांव में भी आबादी के सापेक्ष वृक्षों की संख्या कम हुई है, जो वृक्ष है भी उनमें आधे से अधिक आतंकवादी कहे जाने वाले यूकेलिप्टस है। वृक्षों की गणना करने में इंद्रजीत सिंह, गिरीश रावत, रमेश गौतम, छोटू अवस्थी राजकुमार मिश्र जगन्नाथ यादव आदि द्वारा सहयोग किया गया0