बस्ती। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को जिला प्रशासन ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया। जबकि शायद ही कोई सरकारी दफ्तर हो जहां दलाल न सक्रिय हों। कांग्रेस पार्टी आरटीआई विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्वांचल प्रभारी महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा किसी भी विभाग में दलालों के बगैर काम नही हो रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश जारी किया था कि सरकारी दफ्तरों में बाहरी व्यक्ति नही दिखने चाहिये।

बस्ती में आरटीओ, रजिस्ट्री दफ्तर, आरएफसी, शिक्षा विभाग, विकास भवन, कलेक्ट्रेट, आबकारी, अस्पताल और पुलिस थानों में दलालों की भरमार है लेकिन ये स्थानीय प्रशासन को नही दिखाई दे रहे हैं या फिर दलालों को सुनियोजित तरीके से संरक्षण दिया जा रहा है। दफ्तरों में काम लेकर जाने वाले फरियादी, आवेदक ठगी का शिकार हो रहे हैं। कमरतोड़ मंहगाई के इस ज़माने में मेहनतकश आदमी दो वक्त की रोटी मुश्किल से जुटा रहा है, उस पर रिश्वतखोरी और दलाली कमर तांड़ रही है। कांग्रेस नेता ने कहा जिला प्रशासन को औचक निरीक्षण कर दलालों को बाहर करना चाहिये। उन्होने कहा सरकारी दफ्तरों में लोग निजी स्तर पर प्राइवेट कर्मचारी रख रहे हैं जो रिश्वतखोरी और दलाली की परंपरा को मजबूत कर रहे हैं। भ्रष्टाचार कम करना है तो जिला प्रशासन को इस दिशा में ठोस व निर्णायक कदम उठाना होगा जिससे आम जनता को राहत मिल सके।

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