बस्ती। जनपद के रुधौली तहसील क्षेत्र की हटवा बाजार गांव में फाइलों में हुए विकास कार्यों की अब पोल खुलेगी, क्योंकि ग्राम वासियों के शिकायत के बाद जिलाधिकारी रवीश कुमार ने जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी है। इस टीम में लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता और जिला गन्ना अधिकारी को गांव में जाकर जांच कर आख्या देने का आदेश दिया गया है। इस आदेश के बाद ग्राम प्रधान के खेमे में हड़कंप मचा हुआ है और उन्हें डर सता रहा है कि अगर जांच टीम गांव में पहुंची तो उनके द्वारा किए गए कारनामे की पोल ग्राम वासियों के सामने खुल जाएगी।
Lदरअसल हटवा बाजार गांव के प्रधान पर गांव के ही निवासी इश्तियाक और शफीकुर्रहमान सहित गांव के कई नागरिकों ने जिलाधिकारी को एक शपथ पत्र के माध्यम से अवगत कराया था कि उनके गांव में बिना कार्य कराये ही सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया है जिसमें कई सड़कें, नालिया और सोलर लाइट, नालियों और पोखरे की साफ सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए की हेरा फेरी की गई है। जबकि गांव के अंदर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इस बात की जानकारी ग्राम वासियों को तब हुई जब उन लोगों ने ब्लॉक पर जाकर कागजों में किए गए कार्यों को देखा। कागजों में दिखाये गये विकास कार्य और हकीकत में फर्क देख उनके होश उड़ गए। उसके बाद लोगों ने ग्राम प्रधान के खिलाफ लाम बंद होकर शिकायत किया।
हटवा बाजार गांव के प्रधान पिछले पांच दस साल से नहीं बल्कि 40 साल से गांव की प्रधानी चला रहे हैं। इस वजह से उनके प्रभाव के कारण कभी कोई उनके खिलाफ आवाज नहीं उठा पाया। मगर अब उनके गांव के ही लोग उनके खिलाफ शिकायत कर रहे है। लोगों का कहना है कि गांव पूरी तरीके से बदहाल है। जगह-जगह गंदगी और कच्ची सड़के हैं। यह सब देखकर भी ग्राम प्रधान को तरस नहीं आया और वे अपने ही गांव के नागरिकों से वोट लेकर उन्हें कई साल से ठगते आ रहे हैं। फिलहाल इन सभी आरोपो को लेकर गांव के प्रधान ने पहले ही अपनी सफाई दे दी है जिसमें वह सारे आरोपों को निराधार बता रहे हैं। अब आने वाला समय ही बताएगा की ग्राम प्रधान ने वाकई में गांव के तरक्की के लिए कुछ काम किया है या सिर्फ कागज के घोड़े ही दौड़ाये है। डीएम के द्वारा गठित जांच टीम जल्द ही गांव में पहुंचकर इन सवालों से पर्दा उठाएगी।

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