बस्ती। बुधवार को एस.सी.एस.टी. समाज द्वारा आरक्षण में उप वर्गीकरण के विरोध में आयोजित भारत बंद का बस्ती में मिला जुला असर रहा। अनेक दूकानें, प्रतिष्ठान बंद रहे। बहुजन समाज पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष जयहिन्द गौतम के संयोजन में बस्ती बंद कराने में योगदान दिया। बसपा कार्यकर्ता कटेश्वरपार्क के परिसर में स्थित बाबा साहब प्रतिमा पर पहुंचे और यही से शहर के अनेक क्षेत्रों में पूर्व मुख्यमंत्री बहन मायावती के आवाहन पर दूकानों को बंद कराया।
भारत बंद को समर्थन देने की कड़ी में बसपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और राष्ट्रपति को सम्बोधित 11 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा सरकार सदैव आरक्षण विरोधी रही है। एस.सी.एस.टी. के आरक्षण को खत्म करने के लिये सरकारी नौकरियों को कान्टैªक्ट के माध्यम से कराया जा रहा है और सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में बेंचकर एस.सी.एस.टी. वर्गो को आरक्षण से वंचित कर दिया गया है। बसपा ने ज्ञापन के माध्यम से मांग किया है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर 1 अगस्त 2024 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी बनाने का निर्णय लेने के साथ ही संविधान के अनुच्छेद 341, 342 में जो व्यवस्था है उसे संविधान के 9 वीं अनुसूची में शामिल किया जाय जिससे एस.सी.एस.टी. के आरक्षण का मामला कोर्ट के हस्तक्षेप से अलग हो जाय।
बस्ती बंद को सफल बनाने में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री संजय धूसिया, राम सूरत चौधरी, बसपा मण्डल प्रभारी, कल्पनाथ बाबू, ओम प्रकाश गौतम, अतर सिंह गौतम, डा. आलोक वर्मा, अजय कुमार पाण्डेय, युगुल किशोर चौधरी, प्रमोद कुमार, राना अम्बेडकर, जसवंत निगम, दीपक कुमार, आर.डी. प्रेमी, महेन्द्र कुमार गौतम, रामकरन गौतम, योगेन्द्र चौधरी, शैलेन्द्र गौतम, पृथ्वीराज चौहान, रमेश चौधरी, भवानी भीख, राम सागर, नायब चौधरी, रामफेर, भूपेन्द्र राना, अनूप कुमार, उमाशंकर, के.पी. राठौर, किशन गौतम, नौमी प्रसाद, दिवाकर कपूर, राजीव राव, प्रदीप गौतम, देशराज गौतम, रामचेत निराला, के.सी. मौर्य के साथ ही बसपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।

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