जिला संवाद दाता
दीपक कुमार मिश्रा
बाराबंकी संवाददाता मामला जनपद बाराबंकी के त्रिलोकपुर का है जहां शिक्षकों की लापरवाही के चलते 7 वर्षीय कक्षा 2 में पढ़ने वाले अरहान को छुट्टी होने के बाद क्लासरूम ही बंद करके चले गए। काफी देर बाद बच्चे के रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई और इसकी जानकारी उनके परिजनों व शिक्षकों को दी गई। करीब 3 घंटे बाद सूचना पाकर पहुंची शिक्षामित्र ने ताला खोलकर बच्चों को बाहर निकाला। जानकारी के मुताबिक विकासखंड रामनगर के प्राथमिक विद्यालय त्रिलोकपुर द्वितीय कुरथरा में अलीमुद्दीन का 7 वर्षीय पुत्र अरहान कक्षा 2 का छात्र है। सुबह पढ़ने के लिए स्कूल गया था। माह का अंतिम दिवस होने के चलते करीब 02 बजे विद्यालय में छुट्टी हो गयी। इसी दौरान अरहान को विद्यालय के कमरे में बंद करके सभी शिक्षक स्कूल बंद करके घर चले गए। करीब 3 घंटे बाद छात्र के रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों की भीड़ मौके पर एकत्रित हो गई। हैरान परेशान बच्चे के परिजनों को इसकी जानकारी दी गई। तो परिवार के लोगों ने तुरंत प्रधान अध्यापक सुरेश चंद्र को फोन से सूचना दी और बच्चे को तुरंत बाहर निकलवाने के लिए कहा तब जाकर शिक्षामित्र ने ताला खोलकर बच्चों को बाहर निकाल बच्चा काफी डरा सहमा और परेशान हालत में बाहर निकाल कर आया जो कुछ भी बात नहीं पा रहा था लेकिन देखने वाली बात यह है कि आखिर कैसे हुई इतनी बड़ी चूक क्यों इतने लापरवाह हो गए शिक्षक स्कूल के अध्यापक के रहते बच्चा स्कूल में कैसे बंद हो गया बच्चे के पारिवारिक जनों से शिक्षकों ने बताया कि बच्चा स्कूल में सो गया था सवाल यह खड़ा होता है कि स्कूल में अध्यापक के रहते बच्चा क्लास रूम में कैसे सो सकता है इस बड़ी लापरवाही का अंजाम कहीं ना कहीं बच्चे के परिवार व बच्चे को भुगतना पड़ सकता था ऐसे लापरवाह शिक्षकों पर शिक्षा विभाग के अधिकारी व डीएम साहब क्या संज्ञान लेते हैं और किस प्रकार की कार्रवाई करते हैं यह गर्भ में छुपा है