बाराबंकी ग्राम पंचायतों में मनमाने तरीके से शासन-प्रशासन द्वारा शासनादेश जारी करके लोकतंत्र का गला घोटकर संवैधानिक संस्थाऔ को बंधक बनाए जाने का काम किया जा रहा है जिसे जन प्रगति पार्टी किसी भी दिशा में बर्दाश्त नहीं करेगा इसके विरुद्ध शीघ्र ही जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करके उत्तर प्रदेश की समस्त पंचायत विरोधी जारी शासनादेश को तत्काल वापस लेने की मांग की जाएगी और जरूरत पड़ी तो उत्तर प्रदेश के समस्त प्रधान जन प्रगति पार्टी के साथ रोडपर उतर कर कठोर जनआंदोलन को बाध्य होंगे।
जन प्रगति पार्टी उत्तर प्रदेश से अवध प्रांत अध्यक्ष शास्त्री दुर्गेश कुमार बाजपेई जी ने कहा कि सरकार द्वारा शासनादेश जारी करके पंचायत सहायकों को पंचायतों का नियंत्रक बनाने का तुगलकी फरमान जारी करके संवैधानिक संस्था पंचायत को बंधक बनाने का काम किया जा रहा है जिसे किसी भी दिशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इसके लिए चाहे जितना संघर्ष क्यों न करना पड़े किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंचायतों में कार्य कराने के बाद भुगतान के लिए काफी भाग दौड़ प्रधानों को करनी पड़ती है ऊपर से अल्प मानदेय पर तैनात पंचायत सहायकों को भुगतान का अधिकार देना पंचायती राज व्यवस्था के विरुद्ध है जिसे तत्काल वापस लिया जाए।
बाजपेई जी ने कहा कि महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था जिसे पूरा करने के लिए राजीव गांधी ने पंचायती राज व्यवस्था लागू की जिसके तहत ही पंचायत को निधि सीधी प्राप्त हो रही है जिसमें भी पंचायत सहायकों को नियंत्रक बनाकर सरकार पंचायतों को अपने अधीन रखना चाहती है जो बर्दाश्त नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1993 में पारित 73वें संविधान संशोधन विधेयक के तहत 29 विषय उनसे जुड़े अधिकार , कोष , कार्य और पंचायत कर्मियों को पंचायतों को सौंपकर सत्ता विकेंद्रीकरण की आदर्श व्यवस्था होनी थी जो अभी तक सरकार द्वारा लागू नहीं की गई है जो तत्काल होनी चाहिए प्रधानों , पंचायत सहायकों , केयरटेकरों के मानदेय की सरकार द्वारा अलग से भुगतान की बात की गई थी जिसे भी अभी तक लागू नहीं किया गया है। इसके विरुद्ध शीघ्र ही जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा और जरूरत पड़ी तो सड़कों पर उतरकर कठोर जन आंदोलन किया जाएग

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