भाजपा प्रत्याशी करण भूषण सिंह के काफिले की कार से हुए हादसे के बाद बृहस्पतिवार को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने निंदूरा गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। अमिताभ व नूतन ने पुलिस एफआईआर पर सवाल उठाया और कहा कि पुलिस प्रशासन आरोपियों को बचाने में जुटा दिखाई दे रहा है। पीड़ित परिवार को दबाया जा रहा है। जिससे न्याय मिलना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि मामले में दर्ज की गई एफआईआर मृतक की मां से लिखवाई गई। जिसमें मात्र उनका अंगूठा लगवाया गया। एफआईआर पुलिस ने अपने हिसाब से दर्ज किया है। जिससे कई महत्वपूर्ण तथ्य छूट गए जो एफआईआर मे आने चाहिए थे। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि एफआईआर में करण भूषण के काफिले का जिक्र नहीं किया गया है जबकि इसका जिक्र होना चाहिए था। यह सरासर मामले को दबाने का प्रयास है। वह जिस तरह से काफिला लेकर चल रहे थे क्या इसकी अनुमति ली गयी थी। आचार संहिता के दौरान इस प्रकार का काफिला लेकर चलना भी गैर कानूनी था।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ने कहा कि दुर्घटना करने वाले वाहन पर पुलिस स्कोर्ट लिखा होना भी गैर कानूनी है। यह सीधे तौर पर कूटरचना करने का मामला है। जिस तरह आईपीसी की धारा 304ए में एफआईआर लिखी गयी वह मामले को अल्पीकरण करने की कोशिश है। यह सीधे तौर पर गैर इरादतन हत्या का मामला है और एफआईआर आईपीसी की धारा 304 में होनी चाहिए थी। उन्होने कार के इंश्योरेंस पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें भी साजिश की बू आ रही है। पहले कार का इंश्योरेंस वर्ष 2022 में खत्म दिखा रहा था जबकि हादसे के कुछ देर बाद वह 2025 तक वैध हो गया। यह भी साजिश है। ठाकुर दंपति ने कहा कि पकड़े गए आरोपी को लेकर भी आशंका जताई जा रही है। उन्होने कहा कि बिना फारेंसिक जांच किये ही कार को दुर्घटना स्थल से हटा देना गंभीर साजिश की ओर इशारा कर रही है। अमिताभ ने पीड़ित परिवार को दिलासा देते हुए कहा कि कानूनी लड़ाई में परिवार के साथ हैं। इन सभी सवालों को लेकर मृतक शहजाद के पिता आजाद खां की तरफ से एक शिकायती पत्र भी भारत निर्वाचन आयोग को भेजा गया है और मामले की निष्पक्ष जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की गयी है। निंदूरा से लौटकर अमिताभ व नूतन ने डीएम नेहा शर्मा से भी मुलाकात की और उन्हे घटना के तथ्यों से अवगत कराया।