सूरतगंज बाराबंकी। ब्लॉक सूरतगंज के अंतर्गत ग्राम मधवाजलालपुर में तीन दिवसीय रामलीला कार्यक्रम का बृहस्पतिवार को हुआ समापन हो गया आपको बताते चलें सीता स्वयंवर में अनेक देशों के राजागण पधारे हुए थे। इस अवसर पर महर्षि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के साथ यज्ञ शाला में प्रवेश करते हैं। सभी राजा व दरबार में उपस्थित लोग राम-लक्ष्मण को देखकर अपनी-अपनी भावनाओं के अनुसार उनका दर्शन करते हैं। जैसे कि तुलसीदास जी ने लिखा है कि जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन तैसी। स्वयंवर में राजा धनुष नहीं उठा सके। यहां तक की रावण बाणासुर जैसे योद्धा भी शिव धनुष को हिला तक नहीं सके। इस अवसर पर रावण बाणासुर संवाद का जोशीले और मर्मर्स्पशी ढंग से मंचन किया गया। मंचन में बताया गया कि जब सभी राजा लोग शिव धनुष के समक्ष शक्तिहीन हो गए तब महर्षि विश्वामित्र ने राम से कहा- उठऊं राम भंजहु भव चापा, मेटहु तात जनक परितापा। इसके बाद जब रामजी ने शिव धनुष तोड़ा तो रंगमंच पर पटाखों की जोरदार आवाज हुई। धनुष टूटते ही रंगमंच पर भगवान परशुराम का आगमन होता है और वे क्रोधित होकर बैठै सभी राजाओं पर कोड़े बरसाते हैं। इसके बाद लक्ष्मण परशुराम के जोशीले संवाद सुनकर दर्शकों की स्थित भी विचित्र बन जाती है। मंचन में लक्ष्मण व परशुराम बने विजय शंकर अवस्थी के संवाद में दोनों कलाकारों का अभिनय बेहतरीन रहा। रावण बाणासुर संवाद ने भी दर्शकों को खूब प्रभावित किया। संदीप कुमार त्रिवेदी ने राम की भूमिका में छाप छोड़ी। दूसरी ओर देवी शरण स्मारक युवा रामलीला समित द्वारा आयोजित रामलीला के रंगमंच पर भी धनुष यज्ञ, राम विवाह तथा लक्ष्मण परशुराम के संवाद का जबरदस्त मंचन किया गया l इस अवसर पर कपिल कुमार त्रिवेदी , संदीप कुमार त्रिवेदी, श्रवण रावत, जगदीश कुमार अवस्थी, डॉ राम सजीवन त्रिवेदी, अनुपम कुमार (पत्रकार )फूलचंद त्रिवेदी अनिल कुमार मिश्रा, इंद्र कुमार त्रिवेदी, लवकुश कुमार मिश्रा (प्रधान) रमेश चंद्र त्रिवेदी, उमेश चंद्र त्रिवेदी ,सुनीत कुमार त्रिवेदी ,सहित तमाम लोग मौजूद रहे l