रामनगर बाराबंकी। पिछले वर्ष 12 नवंबर को ब्लॉक सूरतगंज इलाके के सरसंवा गांव निवासी दिनेश सिंह झब्बू के पुत्र समाजसेवी कौशलेंद्र प्रताप सिंह सोनू भैया की महज 28 वर्ष की उम्र में जीबीएस नामक बीमारी के चलते उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान आकस्मिक निधन हो गया था। उनके निधन से क्षेत्र सहित उत्तर प्रदेश की राजधानी तक लोग रो- पड़े थे। सोनू भैया के असमय जाने का गम लोगों इसलिए भी अधिक था कि उन्होंने इतनी कम उम्र में व्यक्तिगत रूप बड़ी लोकप्रियता हासिल की थी। और लोकप्रियता हो भी क्यों ना जब हर व्यक्ति के दुख सुख में सोनू भैया की उपस्थित देखने को जरूर मिलती थी। जानकारी के अनुसार स्वर्गीय श्री भैया गांव सहित क्षेत्र के गरीब,असहाय जरूरतमंदो के दुख-सुख के मजबूत साथी थे। उनकी लोकप्रियता गरीबों की बेटी के विवाह और लोगों के इलाज में बढ़-चढ़कर सहयोग देने से थी। निधन से पूर्व श्री भैया ने आदिकालीन लोधेस्वर महादेवा में 9 दिवसीय सतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया था। महायज्ञ के समापन पर भव्य भंडारे का आयोजन भी किया गया था। जिसमे हजारों लोगों ने हिस्सा लेकर प्रसाद ग्रहण किया था। चार्टर्ड अकाउंटेंट सोनू सिंह धार्मिक ,सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में बहुत ही अग्रणी भूमिका में नजर आते थे।
सोनू के पिता झब्बू सिंह ने हमारे संवाददाता से दूरभाष पर बात करते हुए भाऊक हो गए और बताया बेटे सोनू की सोंच हम लोगों से ऊंची थी। वो कभी अपने जीते जी हमपर और समाज पर बोझ नहीं बने। जबकि समाज के लिए जीते थे। बेटे के साथ-साथ वो हमारे सच्चे मित्र भी थे जिन्हे किसी भी कीमत पर भुलाया नही जा सकता। आगे उन्होंने कहा कि आज वो हमारे बीच जीवित तो नहीं हैं परंतु उनके विचार हमारे साथ-साथ समाज को प्रेरणा दे रहे हैं और अमर हैं।12 दिसंबर को उनकी पुण्य तिथि मनाई जायेगी।

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