बाराबंकी, 08 दिसम्बर। जिलाधिकारी से सत्येंद्र कुमार ने कहा कि अधिकांशतः (विद्यार्थी वर्ग को छोड़कर) नव-प्रवर्तन अभावों और विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए अथवा अपने काम को किसी सरल तरीके से करने के लिए कोई नवीनतम अविष्कार को जन्म देते हैं और यह अन्वेषण ही नव-प्रवर्तन कहलाता है। उन्होंने कहा कि अधिकतर नव-प्रवर्तक किसान, मजदूर, मैकेनिक या शिल्पकार होते हैं एवं अन्य नव-प्रवर्तक जो विज्ञान वर्ग से पढ़े तो नहीं होते हैं, पर उनकी सोच वैज्ञानिक होती है। उनमें से भी ज्यादातर नव-प्रवर्तक आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं।
उक्त बातें जिलाधिकारी ने अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित नव-प्रवर्तन जन जागरूकता कार्यक्रमों के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के नव-प्रवर्तक को हेतु एक दिवसीय जिला स्तरीय नव प्रवर्तन प्रदर्शनी के आयोजन संबंधी बैठक में कहीं। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक श्री ओ. पी. त्रिपाठी, उप कृषि निदेशक श्री श्रवण कुमार, जिला समन्वयक जिला विज्ञान क्लब श्री आशीष पाठक सहित अन्य उपस्थित रहें। उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र में बिना किसी बाहरी आर्थिक एवं तकनीकी मदद के कोई नवीनतम आविष्कार करने वाले नव-प्रवर्तकों को सफल बनाने हेतु जिला विज्ञान क्लब द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय नव प्रवर्तन प्रदर्शनी का आयोजन 16 दिसंबर को महादेव मेला महोत्सव स्थल पर प्रात 10:00 बजे से किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस प्रदर्शनी में इस प्रदर्शनी में लगभग 250 से 400 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा । कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आमजन को नव-प्रवर्तन के प्रति जागरूक करना होगा, जिससे अधिक से अधिक लोग नव-प्रवर्तन गतिविधियों का महत्व जान सकें। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में असंगठित क्षेत्र के प्रतिभागियों में से प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले कारीगर, मजदूरों को क्रमशः रु०- 8,000, 5o – 5000 एवं रु०- 3,000 तथा रु०- 2,000 के पाँच सांत्वना पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान किये जायेंगे।

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