बाराबंकी।
देवा कोतवाली क्षेत्र में हुए बहुचर्चित लाल मोहम्मद हत्या काण्ड का खुलासा करते हुए स्वाट/सर्विलांस व थाना देवा की संयुक्त पुलिस टीम ने हत्या के आरोप में मृतक लाल मोहम्मद के चचेरे भाई सहित 03 हत्याभियुक्तो को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से आलाकत्ल बरामद कर लिया है। पुलिस के मुताबिक पत्नी के साथ मृतक के अवैध संबंधों की जानकारी होने पर चचेरे भाई ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था।
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि दिनांक 03.12.2023 को वादी मो0 अहमद पुत्र मो0 शफीक निवासी ग्राम व पोस्ट खेवली थाना देवा जनपद बाराबंकी द्वारा थाना देवा पर सूचना दी गयी कि उनका छोटा भाई लाल मोहम्मद उम्र करीब 25 वर्ष गांव के बाहर बनी लकड़ी की ठेकी पर रहकर रखवाली करता था जिसकी अज्ञात व्यक्ति द्वारा गला रेतकर हत्या कर दी गयी है। उक्त सूचना के आधार पर थाना देवा पर मुकदमा पंजीकृत किया गया। फील्ड यूनिट व डॉग स्कवाड के साथ घटनास्थल का निरीक्षण कर घटना से सम्बन्धित समस्त पहलुओं की जांच कर संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने हेतु पुलिस टीम का गठन किया गया।मामले के खुलासे के लिए लगायी गयी स्वाट/सर्विलांस व थाना देवा की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा पूछताछ, साक्ष्य संकलन व डिजिटल डेटा की मदद से घटना का सफल अनावरण करते हुए 03 अभियुक्तो अरमान उर्फ सुरमान पुत्र यासीन, नियामत रसूल पुत्र हिदायत रसूल व अफजल कुरैसी पुत्र स्व0 शफीक निवासीगण ग्राम खेवली थाना देवा जनपद बाराबंकी को आज दिनांक 07.12.2023 को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तगण के कब्जे से मृतक लाल मोहम्मद की हत्या के समय पहने हुए रक्त रंजित कपड़े, एक अदद पिट्ठू बैग, आला कत्ल एक अदद रक्त रंजित छूरी व दो अदद कान का झाला बरामद किया गया।
एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ व साक्ष्य संकलन से प्रकाश में आया कि मृतक लाल मोहम्मद के चचेरे भाई अभियुक्त अरमान उर्फ सुरमान द्वारा एक पिकप बोलेरो गाड़ी वर्ष 2018 में खरीदा गया था उसके द्वारा नियत तिथियों पर किश्त अदा न करने के कारण उसकी सिविल खराब हो गयी थी एवं उसे करीब 01 वर्ष पूर्व तीन लाख रूपये का और लोन लेना था लेकिन सिविल खराब होने के चलते लोन नही पा रहा था। बैंक से द्वारा उसे यह सुझाव दिया गया कि यदि वह अपने वाहन को किसी अन्य के नाम ट्रान्सफर कर दे तो उसके नाम पर लोन ले सकता है। जिसके क्रम में अरमान उपरोक्त द्वारा मृतक लाल मोहम्मद के नाम पर अपनी पिकप बोलेरो ट्रान्सफर कर लोन लिया गया जिसकी किश्ते वह स्वयं जमा करता रहा।इसी बीच अरमान की पत्नी से मृतक के सम्बन्ध हो गये और वह अरमान की अनुपस्थिति में मिलने-जुलने लगा तथा दबाव बनाने लगा कि यदि वह उसके साथ सम्बन्ध में नही रहती है तो वह अपने नाम पिकप बोलेरो को उसके पति से वापस ले लेगा। जब इसकी जानकारी अरमान को हुई तो उसके द्वारा लाल मोहम्मद को रास्ते से हटाने के लिए अपने भतीजे नियामत रसूल जो हैदराबाद में रहकर जरदोजी का काम करता था व गोवध व गैंगस्टर तथा अवैध तमंचे के अभियोगों में पूर्व में जेल जा चुके शातिर किस्म के अपराधी गांव के ही अफजल कुरैसी पुत्र मो0 शफीक के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई।मृतक लाल मोहम्मद क्योंकि आशिक मिज़ाज था अतः उसकी इस कमजोरी का फायदा उठाते हुए योजनानुसार आरोपी अरमान ने लकड़ी की ठेकी पर सो रहे लाल मोहम्मद के पास जाकर ठेकी के पास 02 लड़कियां मौजूद होने की बात बताकर पीछे ले गया जहां पूर्व से घटना का अंजाम देने के लिये तैयार उसके साथी नियामत रसूल व अफजल कुरैसी ने मृतक को दबोच कर मृतक का गला रेतकर हत्या कर दी गयी एवं योजना के अनुसार खरीद कर लाये गये कान के एक झाला को मौके पर छोड़कर भाग

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