मुंबई में पिछली चार अगस्त को 300 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद होने के दौरान फरार हुए नशे के दो बड़े सौदागरों को यूपी एसटीएफ और महाराष्ट्र की क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने मंगलवार को बाराबंकी में गिरफ्तार कर लिया।
बाराबंकी मुंबई में पिछली चार अगस्त को 300 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद होने के दौरान फरार हुए नशे के दो बड़े सौदागरों को यूपी एसटीएफ और महाराष्ट्र की क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने मंगलवार को बाराबंकी में गिरफ्तार कर लिया। इनमें एक महाराष्ट्र के सबसे बड़े ड्रग माफिया ललित पाटिल का छोटा भाई है, जबकि दूसरा उसके नशे के कारोबार का प्रबंधक है। यह दोनों नेपाल भागने की फिराक में थे। इन्हीं लोगों ने दो अगस्त को महाराष्ट्र में ललित पाटिल को पुलिस की हिरासत से फरार करवा दिया था।
एसटीएफ के अनुसार, महाराष्ट्र पुलिस की पुणे क्राइम ब्रांच के साथ संयुक्त अभियान में चार अगस्त को नासिक में करीब 300 करोड़ रुपये की 150 किलो ड्रग्स बरामद की गई थी। इस दौरान महाराष्ट्र के नासिक निवासी अभिषेक बिलास बालकवड़े और भूषण अनिल पाटिल फरार हो गए थे। भूषण अनिल पाटिल महाराष्ट्र के सबसे बड़े ड्रग माफिया ललित पाटिल का छोटा भाई है। मंगलवार को क्राइम ब्रांच पुणे के सहायक पुलिस आयुक्त सुनील ताम्बे की टीम लखनऊ पहुंची और एसटीएफ से बताया कि अभिषेक बिलास बालकवड़े व भूषण अनिल पाटिल लखनऊ में कहीं छिपे हैं और नेपाल भागने की तैयारी में है।
सक्रिय हुई एसटीएफ ने मुखबिरों का जाल बिछाया तो पता चला कि अभिषेक बिलास और भूषण अनिल बाराबंकी में हैं और नेपाल जाने की फिराक में है। मंगलवार शाम एसटीएफ और पुणे क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने बाराबंकी शहर से बहराइच जाने वाली रोड पर दोनों को दबोच लिया। इनके पास से छह एटीएम, 2100 रुपये व दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। एसटीएफ के अनुसार दोनों ने पूछताछ में बताया कि वह दोनों ललित पाटिल के साथ वर्ष 2014 से नशीले पदार्थों की तस्करी और वितरण का काम कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के पब बार व रेव पार्टियों में प्रयोग की जाने वाली प्रतिबंधित ड्रग बना रहे थे। औरंगाबाद, पुणे व नासिक में प्रतिबंधित ड्रग बनाने का कारखाना लगाया था। वर्ष 2020 में ललित पाटिल के गिरफ्तार होने के बाद दोनों ने उसके नशे के पूरे नेटवर्क की कमान संभाल ली। बताया कि ड्रग बनाने के लिए कच्चा माल नासिक के शिवजी शिंदे द्वारा दिया जाता है। ललित के कहने पर ही वह दोनों नेपाल जा रहे थे। इनका नेटवर्क पूरे देश में है।
10 माह में खरीदा आठ किलो सोना
एसटीएफ ने बताया कि नशे के इन बड़े सौदागरों द्वारा एक किलो ड्रग डेढ़ करोड़ रुपये में सप्लाई की जाती थी। इससे जो अकूत दौलत मिलती थी उससे यह लोग मुंबई के अभिजीत नामक सराफा व्यवसायी से सोना खरीदते थे। बीते 10 माह में आठ किलो सोना खरीदकर महाराष्ट्र में ही कई जगहों पर रखा है। पुणे क्राइम ब्रांच सोना बरामद करने और उनके नेटवर्क के उन लोगों की गिरफ्तारी के लिए दोनों को अपने साथ ले गई है। एसपी बाराबंकी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि कोई भी आरोपी जिले में दाखिल नहीं किया गया है।