बलवान सिंह
बाराबंकी एक वर्ष पहले बाराबंकी जिले के सिरौलीगौसपुर में महाभारतकालीन परिजात वृक्ष है। देखभाल के अभाव में परिसर में लगा वाटर कूलर खराब पड़ा हुआ है। ऐसे में गर्मी में यात्रियों को परेशानी होती है।
इन दिनों परिसर की व्यवस्थाएं बदहाल हैं, जगह जगह पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इतना ही नहीं, इस भीषण गर्मी में दो वर्षों से खराब पड़ा है फ्रीजर,पेय जल की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है। सरकारी नलों की भी हालत बद से बदतर नजर आ रही है।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस धार्मिक स्थल पर बने शौचालय में ताला लगा रहता है। यहां के पुजारी ने बताया कि शौचालय का तालावर्षों से नहीं खुला है। आने वाले श्रद्धालुओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है ना तो बच्चों के खेलने के लिए कोई झूले की व्यवस्था है और न ही वर्षों पहले लगे टूटे फ़ूटे झूलों की कोई सुध लेने वाला है।स्थल पर पूरी तरह से अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता है।प्रधान व अधिकारियों से शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती है। पारिजात वृक्ष अपनी बदहाली पर पूरी तरह से आंसू बहा रहा है लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है। जिम्मेदार पूरी तरह से मौन नज़र आ रहे हैं।
ये वृक्ष परिजात महाभारत कालीन है। कुंतेश्वर धाम में भगवान शिव की पूजा करने के लिए माता कुंती ने स्वर्ग से पारिजात पुष्प लाने की इच्छा करीब साढ़े 6 हजार वर्ष पूर्व अपने बेटे अर्जुन से जाहिर की थी। माता की इच्छाअनुसार अर्जुन ने स्वर्ग से इस वृक्ष को लाकर किन्तूर स्थित बरौलिया गांव में स्थापित कर दिया था। लोग इसे आस्था के रूप में पूजते हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने लिए आते हैं।