इफको एवं सहकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधान में नैनो उर्वरकों पर आधारित ब्लॉक स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बीडीओ सतीश चन्द्र पाण्डेय एवं हसवा ब्लॉक प्रमुख विकास पासवान की अध्यक्षता में संपन्न हुई।हसवा ब्लॉक प्रमुख विकास पासवान ने किसानों को संबोधित करते हुए किसानों को बताया गया कि अपने अपने खेतों में नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी, सागरिका व इफको के सभी उत्पादों के बारे में विस्तार जानकारी दिया गया। बीडीओ सतीश चंद्र पाडेय ने किसानों को बताया कि लगभग 45 वर्ष पहले गेहूं और धान की पैदावार बहुत कम हुआ करती थी। जिससे कृषि वैज्ञानिक ने अधिक पैदावार करने के लिए विदेशी खाद का प्रयोग किया गया।और धीरे धीरे किसानों ने यूरिया और डीएपी का अधिक प्रयोग करते हुए अनाज की अधिक पैदावार करने लगे। लेकिन अब विभिन्न प्रकार की कंपनी द्वारा खाद तैयार किया जा रहा है। इपको कंपनी ने तरल पदार्थ बना कर किसानों को के पास भेज रहीं। जिससे किसानों खाद की बड़ी बोरी नहीं लाना पडेगा।इस किसान गोष्ठी में अतर सिंह क्षेत्र अधिकारी इफको, सहायक विकास अधिकारी सहकारिता शरद विक्रम, और एफपीओ प्रतिनिधि यादुवंश प्रकाश तथाएस एफए फतेहपुर ने भाग लिया । इस कार्यशाला में महिला कृषकों सहित लगभग 80 किसानों की मैहजूद हुए । इफको क्षेत्र अधिकारी अतर सिंह ने बताया कि नैनो उर्वरकों के उपयोग से खेती की न केवल गुणवत्ता सुधरेगी बल्कि इसके कारण पर्यावरण व मृदा का संरक्षण भी होता है। किसानों को यह भी बताया कि कितनी मात्रा में नैनो डीएपी व नैनो यूरिया का प्रयोग करना चाहिए तथा पौधे में किस प्रकार से यूरिया के मुकाबले यह लंबे समय तक पोषक तत्व उपलब्ध कराता है।

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