फतेहपुर जनपद के रजनीश कुमार चौहान मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में686 अंक लाकर ऑल इंडिया रैंक..965 CR 235 . लाकर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सीट पक्की कर ली माता-पिता परिवार व जिले का नाम रोशन किया आपको बता दें रजनीश कुमार चौहान पुत्र चंद्रशेखर चौहान ग्राम -पिलखीनी, जनपद- फतेहपुर के मूल निवासी है एक साधारण किसान परिवार से हैं पिता जी की शिक्षा इंटर साइंस से किए इसके बाद एम.ए. पिता कृषक और सातमील चौराहा (सैदनपुर )में एक छोटा सा मेडिकल स्टोर का संचालन करते हैं और पत्रकार भी हैं तथा माता सुधा देवी दसवीं पास एक ग्रहणी है मेरा एक छोटा भाई है उम्र 12 वर्ष एसएस इंटर कॉलेज मुस्तफापुर में आठवीं कक्षा मेंअध्ययनरत है पिता का सपना था मेरा बेटा डॉक्टर बनकर देश की सेवा करेगा बेटे ने वह कर दिखाया परिवार व गांव में पहली ही बार में नीट यूजी की परीक्षा पास करके डॉक्टर बनकर देश की सेवा करेगा कोरोना के बाद से माता पिता के स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थी। रजनीश कुमार चौहान एसएस इंटर कॉलेज मुस्तफापुर हाईस्कूल यूपी बोर्ड 2020 की परीक्षा में 559/600( 93.17% )अंक लाकर प्रदेश में 14 वीं रैंक जनपद में पांचवा स्थान उसी कॉलेज से इंटरमीडिएट यूपी बोर्ड 2022 की परीक्षा में463/500 ( 92.6%) अंक लाकर प्रदेश में आठवां स्थान प्राप्त किया माता पिता परिवार व जिले का नाम रोशन किया था उम्र कम होने के कारण नीट यूजी 2022 परीक्षा में नहीं बैठ पाया वही रजनीश कुमार चौहान के अंदर लगन और जुनून था 1 साल राजस्थान कोटा एलेन मे नीट की तैयारी करूंगा जून 2022 एलन कोचिंग में एडमिशन लेकर तैयारी कर रहा था परिवार कीआर्थिक स्थिति अत्यंत खराब होने के कारण हॉस्टल का खर्चा उठा पाने में असमर्थ था इस परिस्थिति में रजनीश चौहान को समाज के लोगों ने प्रतिभावान व मेधावी छात्र होने के कारण श्री कृष्ण कुमार भारती जी, ( नई दिल्ली ), इंजीनियर पी.एल .सिंह चौहान (लखनऊ) आदरणीय बृजपाल सिंह चौहान अध्यापक (जौनपुर) की पहल पर चौहान समाज के प्रबुद्ध लोगों ने हाथ बढ़ाया आर्थिक सहयोग देकर हॉस्टल का खर्च उठाया इंजीनियर आदरणीय अशोक चौहान जी आजमगढ़ जो कि दुबई में रहते हैं उन्होंने ₹60,000 रजनीश को आर्थिक सहायता करके एक मिसाल कायम की है जिससे कि हॉस्टल का खर्चा पूरा हो गया नीट यूजी की परीक्षा परिणाम मैं रजनीश चौहान ने 686 /720अंक लाकर ऑल इंडिया रैंक…965 कैटेगरी रैंक 235 लाकर अपने सपनों को साकार करके कर दिखाया और एक नया कीर्तिमान स्थापित किया और यह साबित करके दिखा दिया कि एक गरीब का बेटा भी डॉक्टर इंजीनियर वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा कर सकता है।

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