इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है तो वहीं विधुत विभाग के साथ साथ नगर पालिका ने भी आमजनमानस का साथ छोड़ दिया है रातों में विधुत कटौती तो वहीं पालिका की शिथिल व्यवस्था के चलते कानों के नीचे भनभनाते मच्छरों ने जीना हराम कर रखा है न तो पालिका द्वारा वार्डों में सफाई व्यवस्था का माकूल इंतजाम रखा जाता है और न ही समय समय पर फॉगिंग कराई जाती है बल्कि नाली व नालों से निकलने वाली सिलटों को घनी आबादी के बीच पड़े खाली प्लाटों पर डालकर नाना प्रकार की बीमारियों को दावत देने का काम भी लगातार कर रही है अगर हम बात करें सफाई की तो सप्ताह या माह नहीं बल्कि पूरी पूरी पंचवर्षीय गुजर जाने के बाद भी सफाई के नाम पर पालिका सिर्फ ठेंगा दिखाती है तो वहीं जलभराव की भी समस्या बनी रहती है सुने भी तो कौन और कहें भी तो किससे जबकि पालिका से लेकर जिले तक और जिले से लेकर प्रदेश व प्रदेश से लेकर केन्द्र तक भाजपा की सरकार विराजमान तो जरूर है लेकिन कहावत है कथनी और करनी में फर्क होता है जो नेता अभी तक बड़े बड़े वादे करते दिखाई पड़ रहे थे वादों की झड़ी तो कहीं जनता की जनसमस्याओं की एक लम्बी फेहरिस्त लेकर घूम रहे थे कि जीतने के बाद सबसे पहले धरातल पर यह काम कराएंगे आजकल तो वो भी नजर नहीं आ रहे हैं अब इसे बिंदकी नगर का दुर्भाग्य समझा जाये या फिर और कुछ पालिका की सीट भाजपा खाते में जाने से बिन्दकी नगर के लोगों में एक उम्मीद जगी थी शायद वो भी अब शुरुआती दौर में टूटती दिखाई पड़ रही है अभी तो ये शुरुआती दौर है आगे बिन्दकी नगर के आमजनमानस को किन किन दौरों से गुजरना पड़ेगा ये तो वक्त बताएगा