आगरा – सिक्ख यूथ वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन द्वारा गुरुद्वारा गुरु के ताल पर आयोजित सेमिनार में नई राष्ट्रीय शिक्षा पर विभिन्न वक्ताओं ने इसे मौजूदा समय मे बच्चो के लिए अधिक कारगर बताया।
श्रीमती विनीता खेर शिक्षा सलाहकार ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा की वर्तमान में शिक्षा नीति 2020 में लागू हुई थी जिसमे बच्चो के आधार को मजबूती प्रदान करने की दिशा मे कार्य किया गया।
उच्च शिक्षा मंत्रालय उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मुकुल चतुर्वेदी जी ने कहा की पहले शिक्षा नीति से बच्चो को संस्कार परोसने का कार्य किया जा रहा था लेकिन 1835 मे जॉन मैकाले ने जो शिक्षा नीति लागू की थी उससे देश मे बच्चे अपने संस्कार को भूलने लगे थे तभी सभी गुरुकुल बंद करवा दिए गए थे।
देश की पहली सरकारों ने भी उसी शिक्षा नीति का पालन किया था।
उच्च शिक्षा के उपाध्यक्ष डा अनुराग शर्मा ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा की इसमें अधिक से अधिक विषयों का पढ़ाया जा रहा है जिससे रोजगार के अधिक अवसर मिले और वह आत्म निर्भर हो सके।
इससे पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति जी ने भी विचार रखे।
इस अवसर दिल्ली से पधारे श्री सूर्य नारायण बहादुर जी ने दो बिंदुओ पर अपने विचार रखते हुए कहा की नई शिक्षा 2020 मे ज्यादा जोर दिया है जिस बिंदु पर चर्चा चल रही है इस पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया जाए।दूसरा तरफ आंखे भी पूरी तरह विषय पर केंद्रित रहे।
अकाल एकेडमी बरु साहिब से पधारे डा देवेंद्र सिंह जी ने बताया की 1986 मे संत इकबाल सिंह जी द्वारा स्थापित यह एकेडमी बच्चो को शिक्षा के साथ साथ आध्यात्मिक शिक्षा (दया,करुणा और संतोष पहुंचाए जो दुनिया मे शांति का संदेश दे रही है जिसके केवल उत्तर भारत मे 129 एकेडमी जो विशेष कर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल ,राजस्थान,उत्तर प्रदेश मे है।
सेमिनार में गुरुद्वारा गुरु के ताल के संत बाबा प्रीतम सिंह जी,उपेंद्र सिंह लवली,समन्वयक बंटी ग्रोवर,सिक्ख यूथ वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन अध्यक्ष परमजीत सिंह मक्कड़ , पूर्व ओलंपियन जगबीर सिंह,
मधु नगर गुरुद्वारा के प्रधान अर्जिंदर सिंह,अरविंदर सिंह चावला,बलविंदर सिंह सूरी,अमनप्रीत सिंह सोबती,रचित डग,तेजेंद्र सिंह,तरनजीत पुरी,गुरप्रीत,त्रिलोचन,रूबल राजू,परमीत छाबड़ा,हरप्रीत नंदा,तेजपाल सिंह,जसमीत सिंह आहूजा आदि उपस्थित रहे।