फ़तेहपुर। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही चुनावी बिगुल बज गया। जारी हुए कार्यक्रम के मुताबिक दो चरणों मे चुनाव सम्पन्न होंगे। जिले में पहले चरण में यानी चार मई को चुनाव होंगे। यहां दो नगर पालिका और आठ नगर पंचायतों के चुनाव होने हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक नौ अप्रैल की शाम जैसे ही चुनाव आयोग द्वारा चुनावी अधिसूचना के साथ कार्यक्रमों की घोषणा की गयी, वैसे ही चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की धड़कने भी तेज हो गयीं।
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जिले में दो नगर पालिका और आठ नगर पंचायतें है
जिले में दो नगर पालिका परिषद और आठ नगर पंचायतों हैं। बड़ी आबादी के दृष्टिकोण से जिला मुख्यालय की नगर पालिका परिषद और नगर पालिका परिषद बिंदकी की सीट है। कम आबादी के हिसाब से आठ नगर पंचायतों में खागा, किशनपुर, खखरेरू, धाता, हथगाम, बहुआ, असोथर और जहानाबाद नगर पंचायतें हैं।
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सत्तारूढ़ भाजपा से टिकट लेने वालों की होड़
आधिकारिक तौर पर चुनावी शंखनाद तो नौ अप्रैल को हुआ, लेकिन प्रत्याशियों ने महीनों पहले से ही अपने-अपने क्षेत्रो में चुनावी माहौल बनाना शुरु कर दिया था। खास बात इस बार ये देखने मे आ रही है कि प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा के अन्दरूनी घमासान के बीच टिकट लेने वालों की होड़ लगी हुई है। यहाँ बताना जरुरी होगा कि निकाय चुनाव में सिर्फ भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जो इस चुनाव के शुरुआती दिनों से अपने चुनाव चिन्ह पर वार्ड स्तर तक अपने प्रत्याशी खड़ी करती रही है। आज जब पार्टी प्रदेश की सत्ता में है तो इस पार्टी के टिकट की महत्ता और बढ़ सी गई है।
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सपा, बसपा, कांग्रेस और आप भी पीछे नही
निकाय चुनाव में इस बार एक खास बात और दिखी वो ये कि प्रत्याशिता की होड़ में लगभग सभी सीटों पर अपने को पार्टी के घोषित प्रत्याशी के रुप मे कई नेता बोर्ड और होर्डिंगों के माध्यम से प्रचारित कर अपनी प्रबल दावेदारी प्रस्तुत करते नजर आ रहे। भाजपा के सत्ता में होने के चलते उसके टिकट पाने की तो होड़ मची ही है, लेकिन सपा, बासपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी पीछे नही है। वहीं अन्य छोटे दल व निर्दलीय प्रत्याशी भी कड़े मुकाबले के लिए अपनी गणित बैठाने में जुटे हैं।
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बसपा भी जातिगत समीकरणों पर प्रत्याशी की जुगत में
सत्ता में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का शहर के सदर नगर पालिका परिषद में पिछली बार कब्जा था। इस बार भी सपाइयों में चुनाव को लेकर काफी उत्त्साह दिख रहा है। बसपा भी हर सीट की जातिगत समीकरणों के अनुसार प्रत्याशियों की घोषणा की जुगत में लगी है।ब
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हर दल भाजपा को पटखनी देने को बेताब
इन हलचलों पर नजर डालें तो साफ दिखता है कि छोटा या बड़ा हर दल निकाय चुनाव में सत्ताधारी दल यानी भाजपा को पटखनी देने के लिए बेताब दिख रहा है। भाजपा से चुनावी रणभूमि में जोर आजमाइश करने वाली पार्टियों में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से आवेदन मांगे जा रहे हैं। प्रत्याशियों की दावेदारी टिकट वितरण के बाद ही हल्का सा धुंधलका जरुर छटेगा कि माहौल किसके पक्ष में है क्योंकि अभी तो कथित विकास की पीड़ा को सीने में वर्षों से दबाए जनता जनार्दन मुंह बन्द कर टिकट वितरण का तमाशा जो देख रही है।
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निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद हटाए गए होल्डिंग पोस्टर
जहानाबाद – फतेहपुर। नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही रविवार की रात को और सोमवार को दिन में आदर्श नगर पंचायत प्रशासन द्वारा कस्बे में लगे होर्डिंग व पोस्टर हटा दिए गए और लोगों को स्पष्ट निर्देशित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति अपना होल्डिंग पोस्टल ना लगाए वरना कानूनी कार्रवाई के साथ जुर्माना भी किया जाएगा
बताते चलें कि नगर पंचायत जहानाबाद के चेयरमैन तथा सभासद पदों के लिए अधिसूचना जारी हो गई है चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हो सके इसके लिए प्रशासन लगातार डरा हुआ है वहीं पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से क्षत्रिय हो गया है चुनाव आयोग के निर्देशन पर आदर्श नगर पंचायत जहानाबाद की टीम द्वारा रविवार की रात को तथा सोमवार को दिन में कस्बे के बस स्टॉप आमौली रोड चौराहा थाना मोड़ चौक औरंगाबाद बाकरगंज रामगंज लालू गंज बाजार तिराहा गढ़ी बंबा ऊपर हाईवे सहित प्रमुख मार्गों व गलियों में बैनर पोस्टर और होर्डिंग उतरवा दिए गए इस दौरान बिना अनुमति के किसी भी राजनीतिक दलों के द्वारा फोटो लगाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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निकाय चुनाव की घोषणा से दावेदारों में टिकट पाने की होड़
- नए परिसीमन क्षेत्र से एक भी दावेदार नहीं
खागा फतेहपुर। निकाय चुनाव पर निर्वाचन आयोग की घोषणा के बाद चुनाव लड़ने के दावेदारों में खलबली देखने को मिल रही हैं जब यह खबर मीडिया के माध्यम से लोगों के कानों तक पहुंची तो दावेदारों ने पार्टी की चौखट से लेकर मतदाता की चौखट तक नाक रगड़ना शुरू कर दिया है कौन सी पार्टी किसे टिकट देगी ये स्थिति साफ तो नहीं हो पाई लेकिन सभी दावेदारो को अपना रुतबा दिखाने की होड़ लगी है। एक पार्टी से कई कई दावेदार होने से दावेदारों में खलबली होना लाजिमी है। ऐसी स्तिथि में दावेदारों के सामने आर्थिक बोझ का मामला अलग से खड़ा हो गया है अगर दावेदार चुनाव में अपनी स्थिति मजबूती के साथ बरकरार रखना चाहते हैं तो उसके लिए उन्हें निरंतर जनता के बीच बने रहना होगा जिन्हें टिकट मिला उनकी बल्ले बल्ले वरना जेब पर आर्थिक बोझ बनना तय हैं।
नगर पंचायत का क्षेत्र बनने के बाद से चुनाव पहले की अपेक्षा कई गुना खर्चीला हो गया है शायद इसी वजह से बढ़े क्षेत्र से एक भी दावेदार मैदान में नही है और अभी तक तमाम दावेदारों ने जो लाखों रुपए पानी की तरह बहाये है उन तमाम दावेदारों में कई दावेदार ऐसे हैं जो टिकट पाने की स्थिति पर अब भी ऊहा पोह में पड़े हुए हैं कुछ दावेदारों को लगता है कि अगर खागा नगर अध्यक्ष का पार्टी टिकट न देगी तो उन्हें चुनाव दावेदारी से पीछे हटना पड़ेगा ऐसी परिस्थिति से लगभग सभी दावेदार जूझ रहे हैं।
चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद अगर दावेदारों की फेहरिस्त पर गौर किया जाए तो राजनीति से पुराना ताल्लुक रखने वाले प्रत्याशियों में समाजवादी पार्टी के इंदल सिंह की माता जी, रानी शर्मा, अंशु यादव की माता जी,अखिलेश मौर्य की माता जी, पप्पू विश्वकर्मा की पत्नी, भारतीय जनता पार्टी की शोभा अग्रवाल, श्रीमती गीता सिंह, अतुल साहू की पत्नी, जुगेश सिंह की माता जी, केश लाल नामदेव, बहुजन समाज पार्टी के सिपाही लाल यादव, तथा कांग्रेस के रामबरन सिंह, और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष की पत्नी अमिता पांडेय, और आम आदमी पार्टी की रत्नेश रत्ना व्यापक प्रचार प्रसार कर जनता के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे है