- थरियांव थाने समाधान दिवस में पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने सुनी जन समस्याएं।
- कोर्ट से दर्ज मुकदमे में दुष्कर्म सही तो पुलिस ने पहले ही क्यों नही दर्ज की एफआईआर,विवेचक को लगाई फटकार।
थरियांव — शनिवार को थरियांव थाने में समाधान दिवस में पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह,मुख्य विकास अधिकारी सत्यप्रकाश व तहसीलदार रवि शंकर यादव ने जन शिकायतें सुनी।शिवपुर मजरे रामपुर थरियांव में एक जमीनी विवाद ले प्रकरण में महिला ने रंजिशन गांव के ही युवक के विरुद्ध कोर्ट से दुष्कर्म का मुकदमा पंजीकृत करवाया है।मामले में ईमानदार छवि वाले एसपी ने विवेचक एसएसआई संगमलाल प्रजापति के मामले की जानकारी जुटाई ।जिसमें विवेचक द्वारा बताया गया कि मामला जमीनी विवाद का है।लेकिन महिला के बयान के आधार पर आरोपी को जेल भेजा जाएगा।जिस पर एसपी ने विवेचक को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि दुष्कर्म का मामला सही था तो इलाकाई पुलिस ने पहले ही क्यों नहीं मुकदमा पंजीकृत किया।वारदात के एक साल बाद मुकदमा दर्ज कराना निराधार है।उन्होंने कहा कि किसी निर्दोष को जेल न भेजा जाए।मामले की सही छानबीन कर मुकदमें में फाइनल रिपोर्ट लगाने के निर्देश दिए हैं।समाधान दिवस में 26 शिकायतें आईं।जिनमे से दस शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया गया है।ज्यादातर शिकायतें जमीनी विवाद से संबंधित थी।जिसमें जैतपुर ओनहा निवासी सिया देवी एसपी के समक्ष फफक कर रो पड़ी।पीड़िता ने प्रार्थना पत्र के जरिये बताया कि उसके पति की मौत तीस साल पहले हो चुकी है।पति की मौत के बाद से गांव के ही शिवचरन और धर्मनारायण ने उसकी पांच बीघे जमीन पर कब्जा कर रखा है।दर्जनों शिकायत के बाद भी न्याय नही मिला है।एसपी ने जमीन को कब्जा मुक्त कराकर पीड़िता को सौंपने व दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश हल्का लेखपाल व एसओ को दिए हैं।साथ ही जमीनी विवाद में एसपी ने एसओ को दोनों पक्षों को पाबंद करने के आदेश दिए हैं।उन्होंने कहा कि यदि फिर भी कोई अराजकता करता है तो उस पर गुंडा एक्ट की कार्यवाही कर जेल भेजें।इस मौके पर कानूनगो,लेखपाल समेत सैकड़ों फरियादी मौजूद रहे।