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👉 प्रधानमंत्री आवास योजना को मुंह चिढ़ा रही है गरीब की झोपड़ी

✍️ पवन कुमार श्रीमाली ✍️

💫 देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई सन् 2014 में देश के चौदहवें प्रधानमंत्री के रुप शपथ ग्रहण करने के देश की गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों के हितार्थ ताबड़तोड़ काम करना शुरू किया तो विपक्षी दलों के तोते उड़ने लगे कड़ी में श्री मोदी जी देश के गरीब मजदूर किसान व मिडिल क्लास के लोगों के लिए सन् 2015 – 16 में एक महत्त्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू किए जिसके तहत हर जरुरत मंद मध्यम वर्गीय परिवार को पक्की छत देने का वादा किया अपने वादे पर खरे उतरते हुए करोड़ों लोगों को पक्का मकान देने का काम किया वहीं अगर बात करें उत्तर प्रदेश की तो डबल इंजन वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में भले ही प्रधानमंत्री आवास योजना में बढ़ चढ़कर काम हुआ परन्तु दोआबा में बसे फतेहपुर की अगर बात करें यहां तो अफसरशाही ने तो इस योजना को यमुना तटवर्ती क्षेत्र के वास्तविक पात्रों तक पहुंचने ही नही दिया जब संविधान रक्षक टीम का दौरा जनानतारा गांव मजरे गढ़ा में हुआ तो पाया गया कि तकरीबन एक दर्जन से भी ज्यादा परिवार आज भी मिट्टी की अधगिरी दीवारों पन्नी तानकर जान जोखिम में डालते हुए अपनी बीवी और मासूम बच्चों के साथ रहने को मजबूर हैं अब इस स्थिति में सवाल उठता है कि जिम्मेदार अफसरों को इतनी फुर्सत नहीं कि अपने वातानुकूलित कार्यालय से निकलकर सर्वे करें और सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ इन जरुरत मंदों तक पहुंचा सके संविधान रक्षक की टीम ने इन परिवारों से बात चीत की इन लोगों ने बताया कि हम आवेदन तो करते परन्तु दलालों को देने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं क्यों कि हम गरीब आदमी अगर पैसे हो तो हम अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर क्यों गुजर बसर करते आखिर वह कौन लोग हैं जो प्रधानमंत्री जी के उम्मीदों पर पानी फेरने काम कर रहे हैं
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी महत्वपूर्ण योजना पर बट्टा लगाने वालों पर कब पड़ेगी जिम्मेदारों की नजर और कब तक प्रधानमंत्री आवास योजना कब पहुंचेगी इन गरीबों के द्वार

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