संविधान रक्षक जिला संवाददाता उमेश तिवारी
रामनगर बाराबंकी। शुद्धि आंदोलन(घर वापसी) के जनक, गुरुकुल शिक्षा के विस्तारक व आर्य समाज के क्रांतिकारी संत पूज्य स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती जी के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है
23 दिसंबर 1926 को अब्दुल रसीद नाम के इस्लामिक कट्टरपंथी मुस्लिम युवक द्वारा धोखे से किए गए गोलियों के वार से वे दिल्ली के चांदनी चौक में बलिदान हुए थे उक्त बातें विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री राहुल कुमार ने रामनगर पंचमुखी हनुमान मंदिर पर आयोजित धर्म रक्षा दिवस कार्यक्रम में कही। मां भारती के महान सपूत,धर्म योद्धा स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती व स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती जैसे अनेक महान संतों ने लाखों हिंदुओं को धर्मांतरित होने से रोका और धर्मांतरित हुए लाखों लोगों कि घर वापसी भी कराई। पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत विशम्भर दास ने कहा कि जाति-पाति के बंधन से हम सभी को दूर रहते हुए हम सब हिंदू हैं और जो हमसे किन्ही कारणों से बिछड़ गए उन सभी को घर वापस लाकर स्वीकार करना है।
वही गुरुवार को विहिप की युवा इकाई बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा निकली जा रही शौर्य जागरण पदयात्रा का रामनगर के कार्यकर्ताओं ने बुढ़वल चौराहे पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस मौके पर चेतन महराज जिला प्रचार प्रसार प्रमुख एसपी शुक्ला प्रखंड अध्यक्ष विनय मिश्रा प्रखंड उपाध्यक्ष रमाकांत वर्मा संयोजक विनय वर्मा अनुपम वर्मा आशुतोष नकुल दुबे गोलू सागर अवस्थी राजू राजपूत अर्जुन सोनी सहित सैकड़ो कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित रहे।