- अपनी विरासत के संरक्षण के लिए बुंदेलखंड राष्ट्र समिति चला रहा अभियान
- पुरखों की निशानी है तालाब
- भू जल संरक्षण के लिए तालाबों का संरक्षण किया जाय – प्रवीण पाण्डेय
खागा : आज विश्व धरोहर दिवस पर बुंदेलखंड राष्ट्र समिति द्वारा अपनी विरासत खागा के पक्का तालाब को धरोहर घोषित करने की मांग की l
बुन्देलखण्ड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय के नेतृत्व में स्वयंसेवक आज पक्का तालाब पहुंचे l सभी स्वयंसेवक कागज की तख्ती लेकर आज तालाब सत्याग्रह किया l
खागा पक्का तालाब आजादी से पहले पूर्वांचल के एक व्यापारी घराने की ओर से बनवाया गया था जो अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। करीब छह बीघा क्षेत्रफल वाले पक्का तालाब के नाम पर बस्ती तो आबाद हो गई। लेकिन ऐतिहासिक तालाब की बदहाली दूर करने का प्रयास नहीं हो सका।
नगर के पक्का तालाब मुहल्ले में आबादी के अंदर बना तालाब बड़ी-बड़ी घास के बीच खो गया है। चार साल पहले तत्कालीन एसडीएम ने नगर पंचायत के सहयोग से तालाब की सिल्ट सफाई का अभियान चलाया। गहराई अधिक होने तथा मशीनों के पहुंचने का रास्ता न होने से काम अधूरे में रुक गया। बुजुर्ग बताते हैं कि तालाब डेढ़ सौ साल से अधिक पुराना है। इसका जब निर्माण हुआ था, तक चारों ओर बिल्कुल खाली मैदान था। तालाब का पानी स्वच्छ रहने से खरीदारी के लिए बाजार आने वाले लोग उसका सेवन करने से गुरेज नहीं करते थे। चारों तरफ पेड़-पौधे होने की वजह से पथिक यहां पर घंटों रुककर सुस्ताते थे। चारों ओर तालाब में नीचे उतरने के लिए पक्की सीढि़यां, स्नानागार तथा महिलाओं के लिए कपड़े बदलने का एक कमरा बनवाया गया था। अतिक्रमण की वजह से तालाब का दायरा बेहद सिकुड़ चुका है। बाउंड्री की वजह से पक्का तालाब में कब्जा करना मुश्किल है। बाउंड्री के ऊपर तक मकान जरूर बना दिए गए हैं।
बुंदेलखंड राष्ट्र समिति द्वारा पक्का तालाब के संरक्षण के लिए ज्ञापन देकर , खून से पत्र लिखकर , 51 साड़ियां की राखी बांध कर , 2501 दीप जला कर , हस्ताक्षर अभियान चला कर प्रयास किया जा चुका है l
आज मुख्य रूप से अवधेश , नास्त्रोदमश ,अक्षत , अक्षय , राम प्रसाद ,देव व्रत , राजन , राकेश आदि स्वयंसेवक रहें l