संविधान रक्षक जिला संवाददाता उमेश तिवारी बाराबंकी

फतेहपुर बाराबंकी। अधिवक्ताओं की लगभग 15 दिन से कलम बन्द चली आ रही हडताल, उपजिलाधिकारी और अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधि मण्डल के बीच हुई वार्ता के क्रम में वकीलों की एक आमसभा की बैठक आयोजित की गयी जिसमें सर्वसम्मति से मंगलवार को रजिस्ट्री दफ्तर और राजस्व न्यायालयों की चल रही कलम बन्द हडताल को वापस लिया गया है।

विदित हो कि विगत 15दिनों से उपनिबन्धक कार्यालय को बाईपास मार्ग पर स्थिति एक कूडे के ढेर के स्थान पर बनाने का प्रस्ताव सरकार द्वारा किया गया था। जिसको लेकर जैसे ही मौके पर जेसीबी द्वारा खुदाई का काम शुरू हुआ तो अधिवक्ताओं ने कलम बन्द हडताल करके धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उधर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हडताल खत्म करने के लिए प्रयास शुरू किये गये है। इन्ही प्रयासों के क्रम में सोमवार को एसडीएम राजेश कुमार विश्वकर्मा ने अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधि मण्डल से इस सम्बन्ध में वार्ता करने के लिए उन्हे आमंत्रित किया। प्रतिनिधि मण्डल में बार संघ अध्यक्ष प्रदीप कुमार निगम, पूर्व अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा, इन्द्रेश शुक्ला, उपाध्यक्ष राजीव नयन तिवारी, महामंत्री संजय कुमार सिंह नम्बरदार, संयुक्त मंत्री सतीश वर्मा, ओम प्रकाश यादव शामिल थे। एसडीएम ने वार्ता के दौरान कहा कि जिलाधिकारी महोदय, से इस सम्बन्ध में वार्ता हुई थी प्रस्तावित स्थल पर अधिवक्ताओं और दस्तावेज नवीसों के बैठने का पर्याप्त स्थान नही है इस कारण निर्माण कार्य अधिवक्ताओं की मांग पर रोक दिया गया है। जल्द ही पुराने तहसील परिसर में बने उपनिबन्धक कार्यालय का निरीक्षण कर और समुचित स्थान का प्रबन्ध कराया जायेगा, और उन्होने अधिवक्ताओं की मांग पूरी होने के पश्चात् काम पर वापस आने का आग्रह किया। जिस पर आनन-फानन में अधिवक्ताओं ने बार सभागार में आपात आमसभा की बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से कलम बन्द हडताल वापस लिये जाने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार से सभी राजस्व न्यायालय और कार्यालय सुचारू रूप से चलेंगे। इस मौके पर राजेन्द्र प्रसाद वर्मा, यादवेन्द्र सिंह, शील रत्न मिहिर, सतीश कुमार वर्मा,धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, अलीउद्दीन शेख, अनीक अहमद, अवधेश श्रीवास्तव, रानू मिश्रा, नफीस अहमद, राकेश श्रीवास्तव, बंशीधर वर्मा, रघुवर दयाल गौतम, रमेशचन्द्र रावत, अनीस अहमद, मोहम्मद फहद,सुशांत वर्मा, दिलीप कुमार वर्मा, जितेंद्र रावत,नियाज वारिस अनवर राइन, सहित काफी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।

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