अत्यधिक रक्तस्राव से मौत होने की वजह से ही मौत, अस्पताल से डॉक्टर रहते नदारद
संवाददाता महेश कुमार असोथर फतेहपुर
असोथर फतेहपुर प्रसव के बाद प्रसूता की मौत पर परिजनों ने एएनएम पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। बताया जाता है कि प्रसूता की मौत अत्यधिक खून बहने से मौत हो गयी। जानिकपुर मजरे कौंडर निवासी पंकज रैदास की पत्नी उर्मिला देवी को प्रसव पीड़ा हुई। रविवार देर रात 9 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असोथर में भर्ती कराया गया। एएनएम मीनू गुप्ता की देखरेख में सोमवार करीब 9 बजे के करीब प्रसव कराया गया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वास्थ्य थे। लेकिन कुछ ही देर बाद प्रसूता का खून बहने लगा। तब एएनएम ने परिजनों से खून रुकने की दवा बाहर से मंगवायी। प्रसूता के पति पंकज ने दवा पहुंचायी, पर तब भी खून बहता रहा। बताया कि प्रसूता का खून बहने की जानकारी एएनएम ने किसी को नहीं दी, रूपये ऐंठने के चक्कर में रोके रखा। एएनएम ने प्रसूता को आराम करने की बात कहकर परिजनों को बाहर ही रोके रखा। जब प्रसूता की दोपहर लगभग 11 बजे तबियत ज्यादा गंभीर हुई तो परिजनों को बताते हुए मौजूदा एएनएम शकुंतला ने प्राइवेट वाहन बुलाकर जनपद के ओमनी नर्सिंग होम अस्पताल भेजा गया पर चिकित्सकों ने प्रसूता को मृत घोषित कर दिया।
पति पंकज ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार अत्यधिक खून बहने से प्रसूता की मौत हुई है। प्रसूता के पांच बच्चे हैं। जिसमें एक की मौत हो चुकी है।
प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जच्चा का शव लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असोथर लाकर हंगामा काटना शुरू किया तो अफरा तफरी का माहौल बन गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच जांच पड़ताल शुरू किया है। वहीं परिजनों ने एएनएम और डॉक्टरों को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़े हुए हैं। खबर लिखे जाने तक कोई भी नहीं पहुंचा।
घटना के बाद से परिजनों में रोष व्याप्त है। परिजनों ने कहा कि एएनएम की लापरवाही से प्रसूता की जान चली गयी। प्रसूता के पति पंकज रैदास ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की घोर कमी है। चिकित्सकों की अनुपस्थिति में एएनएम प्रसव कराती है। जिससे आये दिन ऐसी घटनाएं होती है। एमबीबीएस और महिला चिकित्सक नहीं है। परिजनों ने बताया कि फिलहाल बच्चा स्वास्थ्य है।
इस बाबत जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी नीरज गुप्ता से बात की गई तो कहा कि प्रसव केंद्र से हमारा कोई लेना देना नहीं है। एएनएम ही सारा कार्यभार संभालती हैं, वहीं प्रसूताओं की देखभाल समेत रिफर के कागजात बनाती हैं। प्रसव केंद्र में कोई भी महिला डॉक्टर की तैनाती नहीं है।
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वर्षों से एक ही स्थान पर जमे रहने की चर्चा
प्रसूता के मौत के बाद परिजनों ने एएनएम मीनू गुप्ता व शकुंतला की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है। लोगों ने बताया है कि दोनों एएनएम कई वर्ष से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत है। ऐसे में उनके कार्यकाल लगभग 5 साल से अधिक हो चुका है। इसके बावजूद विभागीय स्तर पर विचार नहीं किया जा सका। एएनएम के सालों से अधिक समय तक एक ही स्थान पर जमे रहने की चर्चा बाजार में आम हो गई है।