वही गांव के ग्रामीणों ने बताया कि फिंगर लगवा लिया जाता है।
और उस दिन नही दिया जाता है।
वही दूसरे दिन गल्ला लेने जाओ तो आज कल कर कर टहला दिया जाता है।

थरियांव। हसवा विकास खंड के ग्रामपंचायत मलाव में बने सरकारी गल्ले के कोटेदार के द्वारा पत्रों से फिंगर लगवाकर गल्ला नही दिया जा रहा है। वही सभी कार्ड धारकों से 2 किलो प्रति कार्ड से कटौती भी कि जा रही है। कई बार गांव के ग्रामीणों ने इसकी शिकायती उच्च अधिकारी और टोल फ्री नंबर 1076 में कर भी चुके है। लेकिन जब कोई अधिकारी जांच करने आता है। तो अधिकारियों को कुछ धन का चढ़ावा दे कर मुंह बंद कर दिया जाता है।आज एक ऐसी घटना सामने आई है।कि एक कार्ड धारक से दो दिन पहले फिंगर लगवा लिया गया और जब वो गल्ला लेने गया तो उसे पूर दिन बैठाए रहा गया। और उसके बाद के लगे फिंगर के कार्ड धारकों को गल्ला दे दिया गया।बात यू ही नही खतम होती जब कार्ड धारक ने गल्ला लेने कि बात कही तो कोटेदार के एक विजई नाम के मुनीम के द्वारा गल्ला कि कटौती कि जा रही थी। और
उसका छोटा पुत्र गल्ला देने से मना कर दिया।और उसे बात में टहलाया गया।जब पोडित व्यक्ति ने कोटेदार से ये कहा कि अगर तुम गल्ला नही दोगे तो मैं उच्च अधिकारियों से इस बात कि
शिकायत कर दूंगा।तो उसके पुत्र द्वारा कहा गया जाओ जहा जाना हो हमारा कोई कुछ नही बना सकता अब जब तक हमारे सर पे एक नेता का हाथ रहेगा तब तक हमे किसी बात का डर नही रहेगा। अब ये बात इतने से खतम होने वाली नही थी।पीड़ित कार्ड धारक ने अपने घर आकर अपने मोबाइल से डायल 1076 पर
कोटेदार कि शिकायत भी कर दिया।वही कुछ समय बाद 1076 से पीड़ित व्यक्ति के पास एक मैसेज भी आता है। जिसमे लिखा था कि आपकी शिकायत दर्ज कर ली गई है। जल्द ही आपका
निस्तारण किया जायेगा। वही पीड़ित कार्ड धारक व्यक्ति का कहना रहा कि जब तक मुझे न्याय नहीं मिलता है। तब तक मैं रुकने वाला नही हूं। अगर मेरे हक का मुझे नही दिया जाता है। तो मैं इसकी शिकायत ऊपर के
अधिकारियों तक करूंगा कोटेदार
सरकारी गल्ला के दुकानदार का नाम रामभवन है। इस कोटेदार के शिकायत कई बार ग्रामीणों ने किया लेकिन अधिकारियों को ले दे कर मामला को दबा दिया जाता था।

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