याद किए गए क्रांतिकारी कवि नंदलाल कैदी,पुस्तकों का हुआ विमोचन
खागा (फतेहपुर) प्रख्यात साहित्यकार डॉ अब्दुल बिस्मिल्लाह द्वारा स्थापित एवं संरक्षित विराट व्यक्तित्व स्वर्गीय नंदलाल कैदी की पुण्यतिथि के अवसर पर महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को समर्पित साहित्य संसद में विचारों के साथ साथ कविताओं के स्वर खागा तहसील के भोगलपुर गांव में गूंजे। इस कवि सम्मेलन,रंगारंग कार्यक्रम, लोक संगीत के साथ-साथ साहित्य विमर्श के अंतर्गत निराला की कविताओं पर साहित्यिक विमर्श हुआ। और स्व 0 नंदलाल कैदी की धर्मपत्नी को शाल भेंट कर वाणी संस्था ने सम्मानित किया।तथा सभी सत्रों के कार्यक्रमों की अध्यक्षता रामचंद्र सरस एवं आयोजन सुरेन्द्र सिंह व वीरेंद्र सिंह ने किया।
साहित्यिक अनुष्ठान के मुख्य अतिथि झीनी झीनी बीनी चदरिया जैसे कालजई उपन्यास के लेखक हिंदी एवं संस्कृत के प्रकांड विद्वान डॉ अब्दुल बिस्मिल्लाह के नेतृत्व में दीप प्रज्वलन के बाद उन्हीं के संपादन में स्वर्गीय नंदलाल कवि की कृति लो आ गई फिर से सुबह एवं मोहन सिंह द्वारा संपादित तार वीणा के सजा दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि बिस्मिल्लाह ने कहा कि कैदी की कविताएं जनता की कविताएं हैं और जनता तक पहुंच रही हैं।उन्होंने उनकी प्रसिद्ध कविता लोकतंत्र का पाठ भी किया और कहा कि इस कठिन दौर में कवि अपना धर्म कैसे निभायें,यह बड़ा सवाल है।कविता को अपना धर्म निभाना कठिन जरूर है लेकिन असंभव नहीं है। उन्होंने आयोजक भालचंद्र यादव के जुझारूपन की प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह,डॉ मलखान एवं कवि सम्मेलन का संचालन शिवशरण बंधु ने किया।आभार कार्यक्रम के आयोजक भालचंद्र ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर,गीतों, गजलों एवं कविताओं का संगम दिखाई दिया।वरिष्ठ कवि डॉ ब्रजमोहन पांडेय विनीत की अध्यक्षता में रचनाकारों ने अपना धर्म निभाया।उन्होंने अपनी प्रसिद्ध रचना सुनाते हुए कहा कि इंसान से इंसान को भगवान को भगवान से मत बांटो। लखीमपुर से आए जनार्दन पांडेय नाचीज ने पढ़ा-लड़कपन बांकपन बचपन बिकेगा,ये दुनिया है यहां हर फन बिकेगा,पतंजलि ने कभी सोचा न होगा,कि उनके नाम पर मंजन बिकेगा।कानपुर से आए डॉ पवन मिश्र ने पढ़ा-नव जीवन की आशा हूं,दीप शिखा सा जलता हूं।
शिवशरण बंधु,शिवम हथगामी, राजेंद्र यादव, शोएब सुखन आदि की रचनाओं को काफी सराहा गया।रामनरेश सिंह चौहान,मधुसूदन दीक्षित,महेश चंद्र त्रिपाठी,रायबरेली से आए डॉ रमेश सिंह,सतीश कुमार सिंह, जगदीश प्रसाद मिश्रा,रामगोपाल अग्रवाल शगुन,धर्म चंद्र मिश्र,गया प्रसाद सनेही,कमलेश सिंह,संगीता पटेल,ज्योत्सना मिश्रा,गिरजेश गरारा,अखिलेश चन्द्र शुक्ल,मोहन लाल यादव आदि अनेक कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।प्राचार्य रमेश चंद्र,डॉ रतिभान सिंह,राम प्रताप सिंह रथ,प्रधान समरजीत सिंह,श्रवण कुमार शर्मा,राम अवतार सिंह सहित अनेक विशिष्ट लोग भी मौजूद रहे।