आफताब आलम तहसील संवाददाता रामनगर बाराबंकी
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद कस्बा रामनगर में जन्मी
राजधानी दिल्ली में निवासिनी साहित्यकार डाॅ. दरख्शाँ बानों को 14 सितम्बर 2024 हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर नेपाल के लुम्बिनी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक महत्व की गौरवशाली हिंदी कविता प्रतियोगिता कार्यक्रम में शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल के अध्यक्ष आदरणीय आनंद गिरि मयालु व सम्मानित सचिव चरना कौर द्वारा हिंदी काव्य रत्न मानद की उपाधि सम्मान से विभूषित किया गया।
इस प्रतियोगिता में नेपाल, भारत, अमेरिका, कनाडा तथा तंजानिया इत्यादि देशों के 6742 महिला एवं पुरुष साहित्यकारों की सहभागिता रही जिसमें 675 प्रतिभाओं को उत्कृष्ट एवं मौलिक काव्य सृजन के लिए चयनित किया गया यह संस्था निरंतर कवियों एवं लेखकों को लेखन कार्य के लिए अनेक प्रकार से प्रोत्साहित करती रहती है। डाॅ. दरख्शाँ बानों की अनेक रचनाएं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। यह शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इन्हें 2017 में कला एवं संस्कृत साहित्य अकादमी दिल्ली की ओर से नाटक रचना प्रतियोगिता में उत्कृष्ट नाट्य रचना हेतु पुरस्कृत किया जा चुका है।
》कविता-
शीर्षक- हिन्दी के बढ़ते कदम…..
हमारे संविधान की सबसे बड़ी आधिकारिक भाषा थी हिन्दी,
अनुच्छेद एक सौ बीस से प्रायोगिक भाषा थी हिन्दी,
अनुच्छेद तीन सौ तैंतालीस में संघ की राजभाषा थी हिन्दी,
अनुच्छेद तीन सौ पैंतालीस में उद्देश्यों का प्रावधान थी हिंदीl
अनुच्छेद तीन सौ छियालीस में राज्यों की संचारक थी हिंदी,
वहीं अनुच्छेद तीन सौ अड़तालीस में न्यायालयों की कार्यभारक थी हिन्दी,
अनुच्छेद तीन सौ सैंतालीस में जनसंख्या के उपबंध का विशेषांक थी हिन्दी,
अनुच्छेद तीन सौ सैंतालीस से राजभाषा का प्रचारक है हिन्दीl
आज हम भारतीयों की मातृभाषा है हिन्दी,
दस राज्यों में विस्तारित सबसे बड़ी जगमाता है हिन्दी,
अंग्रेज़ी के विरुद्ध सबसे बड़ी मतदाता है हिन्दी,
अंग्रेज़ी का क्या मोल हमारी अनमोल भाषा है हिन्दीl
साक्षरता में मज़बूत सभी कौशल का आधार है हिन्दी,
जीवन, मूल्यों, संस्कृति का उद्गार है हिन्दी,
समाज के भावों विचारों का आदान-प्रदान है हिन्दी,
देश के निर्माण का कर्णधार है हिन्दीl
विश्व की संपूर्ण धरोहर का उद्धार है हिन्दी,
धर्म, जाति, वर्ग का मान सम्मान है हिन्दी,
भारतीय संस्कृति अस्मिता का परिधान है हिन्दी,
भारत के विकास व नवाचार का प्रमाण है हिन्दी l
वैश्वीकरण का परचम लहराती है हिन्दी,
पर्यटन ज्ञान विज्ञान की खोज कराती है हिन्दी,
जनसंचार, मीडिया की ओर कदम बढ़ाती है हिन्दी,
अंतरिक्ष, चंद्रयान तक पहचान बनाती है हिन्दीl
स्पैनिश, फ्रेंच, जर्मनी सबका उद्गार है हिन्दी,
सभी भाषाओं के प्रशिक्षण में मददगार है हिन्दी,
संस्कृत में जन्मी उर्दू की मधुर गुंजार है हिन्दी,
व्यवसाय शिक्षा मनोरंजन का आगार है हिन्दीl