- बेटी दिवस पर भी नही मिला जनपद में बेटी को न्याय, वन स्टॉप सेंटर में तीन दिनो से रहने को है मजबूर
फतेहपुर। एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ के तहत नारियों की सुरक्षा व अधिकार देने की बात करती रही है इसके लिए सरकार द्वारा नारी सुरक्षा को लेकर थानों में महिला हेल्प डेस्क, हेल्प लाइन नम्बर, मिशन शक्ति सहित महिला जागरूकता के लिये अभियान चलाया जा रहा है। महिला अधिकारों के प्रति सरकार की संजीदगी के कारण हाल ही में संसद में आधी आबादी यानि महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा भी की गई है। इसके बावजूद जनपद की रहने वाली एक महिला को अधिकारियाँ की चौखट पर दस्तक देने के बावजूद न्याय मिलते नही दिख रहा है और वो अपने हक के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है और प्रशासन द्वारा उसकी कोई खास मदद नही हो रही है। बता दें कि आज अंतराष्ट्रीय बेटी दिवस है, जहाँ लोग बेटियों को अंतराष्ट्रीय बेटी दिवस की शुभकामना सन्देश देने में लगे हैं वहीं जनपद फतेहपुर में एक बेटी को गैर धर्म के लड़के से विवाह करना मंहगा पड़ रहा है। पति के विदेश जाने के बाद ससुरालीजनों ने उसे प्रताड़ित कर घर से बाहर निकाल दिया और उसका सामान यहां तक कि मोबाइल तक नही लेने दिया। जिला प्रशासन ने उसे वन स्टॉप सेंटर में भेज कर इतिश्री कर ली है। पीड़िता शिखा शुक्ला ने बताया कि उसने सदर कोतवाली के आईटीआई रोड निवासी अहमद शरीफ से 8 अक्टूबर 2018 को लव मैरिज की थी। वो शहर के रामगंज पक्का तालाब की रहने वाली है। उसके ससुर की 2020 में मौत हो चुकी है, और उसके पति अहमद शरीफ की बीते 8 सितंबर को मलेशिया के नेवी मर्चेंट में पोस्टिंग हुई है, जहां मौजूदा समय में वह नौकरी कर रहे है। शिखा ने आरोप लगाते हुए बताया कि पति के नौकरी पर विदेश जाने के बाद ससुरालीजनों ने साजिश के तहत करोड़ों की प्रॉपर्टी में हिस्सा न देना पड़े इसलिए उसे प्रताड़ित कर गुरुवार को धक्का मारकर घर से बाहर निकाल दिया और उसके कमरे में ताला लगा दिया है। यहां तक कि उसे उसका मोबाइल व कपड़े तक नही लेने दिया। शिखा इस दौरान दोपहर से दूसरे दिन तक घर के बाहर भूखी प्यासी बैठी रही। महिला ने आरोप लगाते हुए बताया कि ससुरालीजनों ने नगर पालिका के एक बाबू की मिलीभगत से मकान का असिसमेन्ट बिना गवाहों के करवा लिया है, ससुर के अंगूठे के निशान दस रुपये के स्टाम्प पर फर्जी तरीके से लगवा लिए थे। ये पूरा मामला न्यायालय में चल रहा है। वहाँ का जो भी निर्णय होगा उसे सम्मान से स्वीकार होगा, पर इस तरह वह प्रताड़ना नही सहेगी। प्रशासन ने उसकी तहरीर पर ससुरालीजनों पर मुकदमा तो लिख लिया है पर कोई कार्रवाई नही की है और उसे वन स्टॉप सेंटर में भेज दिया है। गुरुवार कि घटना से चार दिन बीत जाने के बाद प्रशासन ने उसे अभी तक उसका सामान व मोबाइल तक नही दिलाया है, और ससुरालीजनो पर कोई कार्रवाई भी नही की है, वो लोग उसे अभी भी धमकी भरे सन्देशे भिजवा रहे हैं। वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है।