सिरौली गौसपुर बाराबंकी
हजरत मोहम्मद साहब की यौमे पैदाइश के सिलसिले में कस्बा बदोसराय में अंजुमन – ए- सैदा- ए – मुस्तफा के द्वारा सरकार की आमद मरहबा ! दिलदार की आमद मरहबा ! आदि नारों के बीच जूलूस- ए -मोहम्मदी निकाला गया ।
जुलूस को संबोधित करते हुए हाफिज व कारी नजमुद्दीन कादरी ने कहा कि जब सारी दुनिया के अंदर इंसानियत का गला घोंटा जा रहा था बेटियों महिलाओं पर तरह-तरह के जुल्म किये जा रहे थे ऐसी विषम परिस्थितियों में 25 अप्रैल 571 ईस्वी में 12 रबी उल अव्वल को शहरे मक्का शरीफ के सरदार कुरेश हजरत मुत्तलिब के घर में सुबह आपकी पैदाइश हुई तभी से झंडा मोहम्मदी का जुलूस निकाले जाने की परंपरा चली आ रही है आपने पूरे जीवन भर इंसानियत की आवाज बुलंद किया जब तक सूरज चांद है तब तक आपकी यौमे पैदाइश अमर रहेगी ।
अंजुमन- ए- सैदा- ए – मुस्तफा के द्वारा झंडा मोहम्मदी का जुलूस सूफी संत हजरत मलामत शाह की दरगाह से सुबह शुरू हुआ दिन भर गांव के गली कूचों से गुजरता हुआ देर शाम अपने गंतव्य स्थान पर जा करके समाप्त हो गया जगह-जगह पर पुष्प वर्षा माल्यार्पण व मिष्ठान वितरित करके अकीदत मंदो ने जुलूस- ए- मोहम्मदी का स्वागत किया ।
इस अवसर पर हाफिज मुस्ताक अब्दुल मतीन मिर्जा गुफरान बेग अब्दुल वारिस सादाब अंसारी मो शफीक मा लड्डन आसिफ अली मोहम्मद काशिफ कदीम आमिर नूरैन महमुदुल मोहम्मद यूनुस आरिफ अंसारी इमरान अंसारी इस्लामुद्दीन अब्दुल्ला आदि मौजूद रहे ।