ईमानदार व तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक के इंस्पेक्टर की शह पर दरोगा क्षेत्र में कर रहा जमकर वसूली
वसूली के तीन दरोगाओं पर लगा दाग, एक पर कार्रवाई, एक को अभयदान क्यों..?
अभियुक्त पुलिस के भय से गांव छोडा
असोथर फतेहपुर
असोथर थाना क्षेत्र के बबरापुर मजरे शाहीपुर निवासी राधे लाल को अवैध रुप से थरियांव थाना क्षेत्र के कमालीपुर में पान की गुमटी में शराब बिक्री करने पर गुमटी से 52 क्वार्टर बरामद किया था जिसमें डी डी वर्मा के ने नेतृत्व में एस एस आई राजेश कुमार यादव, अविनाश यादव व कांस्टेबल रविन्द्र कुमार के साथ कार्यवाही किया था जिसके बाद अवैध शराब बिक्री करने वाले राधे लाल पासवान से देवी दयाल वर्मा ने कार्यवाही न करने के एवज में दस हजार रुपए लिए लेकिन मुकदमा भी दर्ज कर दिया जब शराब विक्रेता को मुकदमा का पता चला तो उसने सारे प्रकरण की शिकायत पुलिस अधीक्षक से किया जिसके बाद जांचोपरांत राजेश यादव को लाइन हाजिर कर दिया गया लेकिन देवी दयाल वर्मा के नेतृत्व में कार्यवाही हुई और उनको अभयदान क्यूं दिया गया इस बात की चर्चा क्षेत्र में जोरों पर है क्यूं कि प्रथम सूचना व सूत्रों के अनुसार देवी दयाल वर्मा के नेतृत्व में कार्यवाही हुई है और उन्हीं का हल्का क्षेत्र भी है। आखिरकार सवाल उन साहिबानों से पूंछा जाना चाहिए..?
सूत्रों की मानें तो इंस्पेक्टर द्वारा अपने कारखास दरोगा देवी दयाल वर्मा को बचाने के लिए घटना के जांच अधिकारी क्षेत्राधिकारी थरियांव की मिलीभगत से अपने कारखास दरोगा को बचाने के लिए जिसका इस घटना पर कोई रोल नहीं है उसको ही दोषी बनाकर लाइन हाजिर करा दिया और अपने कारखास दरोगा को कार्यवाही से बचाने में इंस्पेक्टर कामयाब हो गया। वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार पीड़ित ने कहा कि पुलिस गांव में जाकर गाली गलौज कर दबाव बना परेशान किया जा रहा है। क्षेत्राधिकारी पर भी जांच कर कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। जल्द इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों समेत शासन प्रशासन से करने की बात कही है।
फिर भी अब देखने वाली बात यह है कि एक अदना सा उपनिरीक्षक कितना भारी पड़ता है।