खखरेरु फतेहपुर क्षेत्र में हरछठ की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है। जैसा कि लोग बताते हैं कि सामने एक चौकी या फिर कोई लकड़ी का पाटे पर गौरी गणेश कलश रखकर हल षष्ठी देवी की मूर्ति या फिर प्रतिमा की पूजा करते हैं। इसमें पूजा पाठ करने की सामग्री में बिना हल से जुताई के उगा हुआ धान का चावल महुआ के पत्ते धान की लाई भैंस का दूध दही घी आदि रखते हैं।
मान्यता है कि इसी दिन श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था।इसी कारण इस दिन बलराम जी की पूजा करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार हरछठ पर भगवान बलराम के साथ छठ माता की विधिवत पूजा करने से संतान को अच्छा स्वास्थ्य और लम्बी आयु की प्राप्ति होती है। और यह सावन पूर्णिमा के छठवें दिन हरछठ का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है।यह त्योहार बलराम को समर्पित है।हल धारण करने के चलते ही बलराम जी को हलधर भी कहा जाता है। जो देवकी और वासुदेव की सातवीं सन्तान है।

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