- क्षमतावर्धन कार्यशाला का हुआ आयोजन, शहरी यातायात के वैश्विक विशेषज्ञों ने दिया प्रशिक्षण
- लखनऊ समेत यूपी-बिहार के शहरों में कार्यरत हरित सफ़र, स्वच्छ समावेशी यातायात की कवायद
लखनऊ। क्लाइमेट एजेंडा द्वारा संचालित हरित सफ़र अभियान के अंतर्गत एक क्षमतावर्धन कार्यशाला का आयोजन लखनऊ के बर्लिंगटन चौराहे के समीप एक होटल में किया गया। शहरी यातायात प्रणाली को स्वच्छ एवं समावेशी बना सकने के उपायों पर केन्द्रित इस कार्यशाला में विश्व स्तर के जाने माने विशेषज्ञ शामिल हुए। विशेष रूप से, वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट के परिवहन कार्यक्रम प्रमुख चिंतन दफ्तरदार, बेंगलुरु बस यात्री फोरम की संस्थापक सुश्री शाहीन शाशा और पुणे स्थित पीवीपी कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर के निदेशक प्रोफ़ेसर प्रसन्ना देसाई और क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर मौजूद रही हैं।
श्री चिंतन दफ्तरदार ने इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग स्टेशनों को सौर ऊर्जा आधारित करने की वकालत की और सभी संभव रूटों पर अधिकतम संख्या में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के महत्व पर ज़ोर दिया। प्रोफ़ेसर प्रसन्ना देसाई ने शहर की सड़कों को बढ़ते निजी वाहनों के हिसाब से डिजाईन करने के बजाये बसों, गैर मोटर चलित वाहनों और पैदल चलने वाले यात्रियों को सड़कों पर अधिकतम संभव स्थान देने के फायदे गिनाये। सुश्री शाहीन शाशा ने बसों और गैर मोटर चलित वाहनों का उपयोग करने वालों का एक सार्वजनिक फोरम बनाने और सरकार के सम्बंधित विभागों को अपनी जरूरते समझाने पर बल दिया। एकता शेखर ने प्रतिभागियों से एक नेटवर्क के तहत कार्य करने और लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य शहरों में भी यातायात प्रणाली को स्वच्छ एवं समावेशी बनाने के लिए समेकित प्रयास करने की अपील की।
कार्यशाला में स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन रश्मि काला ने किया। इस कार्यशाला में लखनऊ समेत प्रदेश के कई अन्य शहरों के प्रतिभागी मौजूद रहेहैं।
ज्ञात हो कि हरित सफ़र अभियान उत्तर प्रदेश और बिहार के शहरों में यातायात प्रणाली को स्वच्छ एवं समावेशी बनाने के लिए कार्यरत है। यह अभियान शहरों में होने वाले ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाकर जलवायु परिवर्तन की गति को धीमा करने के लक्ष्य पर केन्द्रित है।