अवैध रूप से तालाब पर प्रशासनिक सांठगांठ से कब्जा करने का शातिराना प्रयास कर रहे भू माफिया

( प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को भी प्रशासन ने भेजा नोटिस)

बछरावां रायबरेली। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी दरकिनार करते हुए दबंग भूमिमाफिया प्रॉपर्टी डीलर करोड़ों की कमाई के चक्कर में नगर पंचायत के मोहल्ला दक्षिण चमरहिया में स्थित तालाब को खत्रियों से रजिस्ट्री कराकर के नान जेड ए की जमीन पर तहसील प्रशासन की सांठगांठ से कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ बछरावां नगर पंचायत अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह उर्फ राम जी सभासद और बछरावां के आम जनमानस भी इस तालाब को बचाने के लिए तहसील प्रशासन से लेकर जिला अधिकारी, राजस्व परिषद तक फरियाद लगा चुके हैं। वही आलम तो यह है तहसील प्रशासन ने नितिन शुक्ला का तालाब पर कब्जा भी दिखाया गया जबकि सैकड़ो वर्षों से दलित आबादी के घर बने हुए हैं और तालाब के किनारे 25 वर्षों से मोहल्ले वालों का कब्जा है। इस अवैध कब्जे को लेकर तहसील प्रशासन के गठजोड़ के खिलाफ वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व विधायक रामलाल अकेला, नगर पंचायत अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह राम जी, दक्षिण चमरहिया के सभासद प्रतिनिधि आशीष कुमार उर्फ बाबी, सभासद प्रतिनिधि नदीम मोबाइल, सभासद कुंवर वीरभान सिंह सहित पूरे नगर के सभासद और आम नागरिकों ने तालाब पर इकट्ठा होकर तहसील प्रशासन द्वारा दी गई नोटिस और प्रॉपर्टी डीलर द्वारा कब्जे को रोकने का प्रयास किया। वही सैकड़ो लोगों के सामने रामलाल अकेला ने तहसील प्रशासन, जिला अधिकारी और प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ जन आंदोलन करने का आवाहन किया और नगर वासियों से अपील किया कि प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ आंदोलन में सड़कों पर उतरे वहीं दूसरी तरफ इस तालाब के पाटने से पूरा बछरावां बरसात में जलमग्न हो जाएगा क्योंकि महरौरा गांव से लेकर लगभग आधा दर्जन गांवो का पानी इसी तालाब से होकर बगाही ट्रेन में गिरता है इसके पटने से बछरावां नगर तो डूबेगा ही वही लगभग हजारों बिगहा जमीन भी जलमग्न हो जाएगी। वहीं किसानों की फसले भी तबाह हो जाएगी और संक्रामक बीमारियां पांव पसारेंगी। वही तहसील प्रशासन के भ्रष्ट करवाही का आलम तो यह है कि सैकड़ो वर्षों से काफी दलित परिवारों को नोटिस काटकर घर उजाड़ने की साजिश भी की जा रही है आलम तो यह है कि प्रधानमंत्री आवास मिलने वाले दलित लोगों को भी नोटिस दी गई उनको उजाड़ने का प्रयास प्रॉपर्टी डीलरों से मिलकर किया जा रहा है।

इनसेट

आबादी की नान जेड ए गाटा संख्या 1185 जो कि लगभग 32 बीघा से ऊपर है। जिसमें दक्षिण चमरहिया मोहल्ला वार्ड नंबर एक बसा हुआ है। जो खाली जमीन है वह सैकड़ो वर्ष पुराना हाथी डूबने से भी गहरा तालाब आज भी मौजूद है एक तरफ तहसील प्रशासन नगर पंचायत सीमा के अंदर की जमीन बताता है। वहीं दूसरी तरफ प्रॉपर्टी डीलर से गठजोड़ करके उसका कब्जा दखल दर्शाया जाता है। जबकि मौके पर तालाब ही है चंद सिक्कों की खनक की लालच में तहसील प्रशासन भी अपना ईमान बेचने पर तुला हुआ है। एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचार मिटाने की पुरजोर कोशिश कर रही है वहीं दूसरी तरफ राजस्व कर्मी भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए हैं।

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