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बस्ती उत्तर प्रदेश
उत्तर प्र देश पावर कार्पोरेशन के अन्तर्गत सभी गावो मे लगाये जायेगे स्मार्ट मीटर अभी तक उपभोक्ताओं को बिजली बिल मीटर रीडर द्वारा प्राप्त होता था लेकिन अब स्मार्ट मीटर मीटर उपभोक्ता रिचार्ज करगे फिर कर पायेगे बिजली उपयोग कर पायेगे यहा तक कि बात हो गयी है कि जुलाई से हर हाल मे स्मार्ट मीटर लगाना सुनिश्चित किया गया है घर घर जाके स्मार्ट मीटर की रीडिंग लेने कि आवश्यकता खत्म हो रही है मीटर रीडर द्वारा बिल दिया जा रहा था लेकिन अब मीटर ही बिल भी देगा और जमा भी करेगा उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे जिनीयस कम्पनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाये जाने है जिसमे एक प्राइवेट कम्पनी के द्वारा मीटर लगाना सुनिश्चित किया गया है ऐसे मे रोजगार से जुडे लोग बेरोजगारी हालत मे आ जायेगे मीटर रीडर का काम खत्म हो जायेगा जिससे भारी संख्या मे लोगो का रोजगार जाने का चला जायेगा बिजली बिभाग से जुडे मीटर का शोषणों के बीच अब जायेगी रोजी रोटी भी सरकार तो डिजिटल इण्डिया बनाने मे लगी है लाखो करोडो युवाओ का रोजगार छीन कर बेरोजगार करने कि लगातार सरकार कि मन्शा पूर्णत: अपने मार्गो पर चल रही है ऐसे मे दस बर्ष से जुडे लोगो का रोजगार जारहा है और सरकार अपने मन्सा हित मे युवाओ को दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी कि लाठी थमाती जा रही है जिस तरह नौकरी से निकालने के लिये टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है लेकिन सरकार को रोजगार बढानै मे दिलचस्पी होनी चाहिए लेकिन सरकार के नजरिया मे बेरोजगार को रोजगार दिलाने हे तु कोई मन्सा नही है अपितु रोजगार से बेरोजगार करना ही पूर्णनिति है सरकार कि सरकार द्वारा इस अभियान मे करीब सात सै आठ लाख लोगो को रोजगार छीन जायेगा बिकसित भारत का पावर लाखो कि संख्या मे रोजगार से जुडे लोगो को बेरोजगार करने को तैयार है तकनिकी स्मार्ट मीटर लगाना सुनिश्चित होते ही नौकरी से निकाले गये मीटर रीडर किधर जायेगे सरकार को इस पर विचार करना अतिआवश्यक है लाखो कि संख्या मे मौजूद मीटर रीडर अपनी कार्य के प्रतिकुलता दर्शाते हुये अपने खुन पसीने से अब तक धुप छाव मे कठिन परिश्रम से काम भी लिया गया है और शोषण भी जमकर किया गया और नौकरी जाने कि बारी है जनपद बस्ती मे करीब छा लाख स्मार्ट मीटर लगेगे और डिजिटल इण्डिया के शिकार होगे मीटर और बिलिंग ऐजेंसि समरबध्द काम करने से क्या मिला मीटर रीडर को ये वक्त बतायेगा उधर दूसरे लाखो करोडो का गमन करके करोडो पोपर्टी खडे कर चुके अभियंताओ पर सरकार मेहरबान है लाख शिकायत बाद भी नही ले रहे सुध घोटालो से करोडो का जमीन खरीद चुके अभियंता शोषण भी करते है आजादी से लाखो का घोटाला कर रहे प्रतिमाह लेकिन नही जाग रहे उच्च अधिकारी और शासन सत्ता के मन्त्री जी नही देते है ध्यान लखनऊ जैसे शहरो पचास हजार सैलरी चार चक्का वाहन का उपयोग प्रतिदिन करना और प्रति बर्ष लखनऊ गोरख पुर शहरो मे मकान बनाना सम्भव है तो ठीक है नही तो अवर अभियंता द्वारा जिस तरह घरेलु कनेक्शन मे क्यूरी मे कमिशन न मिलने पर स्पष्ट शब्दो कहा जाता है कि प्लीज अपलोड योर प पोपर्टी डिटियल क्या इसी प्रकार अभियन्ताओ से आय सम्पत्ति कि जाच करायेगी सरकार जिस तरह विजली विभाग मे डाका अभियन्ताओ द्वारा डाला गया है अगर मीटर रीडर और सम्बिदा द्वारा किया गया होता तो अब तक संसद भवन मे चर्चित खबर उभर कर आ जाती लेकिन अभियन्ताओ कि लिपापोती मे लगी शासन व्यस्था सिर्फ उपभोक्ताओं और सम्बिदा निबिदा का शोषण कर रही है और अभियंताओ को एक तरफ लुटने कि आजादी दे रखी है सरकार को चाहिये जितने शिकायत किये गये है सोशल मीडिया से लेकर आईपीआरएस तक का पुन:निगरानी करे शिकायत कि बल पूर्वक जाच कराने के लिये अग्रेषित करे जिससे दुध पानी अलग हो जायेगा और राजस्व का जो छति पहुचाया हुआ धन भी एकत्रित हो जायेगा बस्ती के अधिक्षण अभियन्ता द्वारा अभियान चलाकर आवश्यक जाच करना सुनिश्चित करे लोगो सै किया गया घोटालो मे करोडो का गोलमाल निकलकर के सामने आयेगा बिभाग छति पहुचा कर अभियंता द्वारा अपनी नीव को मजबूत किया गया है सरकार जनहित से मिल रहे शिकायत तुरन्त संज्ञान लेती तो राजस्व भी बढ गया होता और भ्रटाचार भी अब तक नीच ले स्तर पर आ चुका होता कही न कही सरकार कि खामिया है मां. एके शर्मा जी के निगरानी मे हो रहा है लुटपाट और डकैती का करोबार अभियंताओ द्वारा किया जा रहा है कुछ लोगो का कहना है कि ऊर्जा मन्त्री को करोडो का पेमेन्ट मिल रहा है कमिशन का इसलिये नही लेते जनहित शिकायत को संज्ञान
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व्योरो रिपोर्ट
रमाकांत
7081450020