रामसनेहीघाट-बाराबंकी।
गांव के बाहर खेतो में बनी झोपड़ी में शुक्रवार की दोपहर अज्ञात कारणों से आग लग गई। घटना की सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन झोपड़ी में मौजूद 102 साल की बुजुर्ग महिला को बचाया नही जा सका। अग्निकांड में बुजुर्ग महिला की ज़िन्दा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। घटना इतनी वीभत्स थी कि उसका शव देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए

रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र की दरियाबाद कोतवाली अंतर्गत बड़नपुर गांव की निवासी 102 वर्षीय धीराजा पत्नी स्वर्गीय खुशीराम गांव के पास जंगल के किनारे खेतों में झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ गुजर बसर कर रही थी। शुक्रवार की दोपहर अज्ञात कारणों से झोपड़ी में आग लग गयी। तेज़ हवा के चलते चंद लम्हो में ही आग ने पूरी झोपड़ी को अपने आगोश में ले लिया। आग लगने के बाद धीरजा की बहु ननका, 10 वर्षीय पौत्र मनीष और 09 वर्षीय पौत्री मधु तो भाग कर बाहर निकल गए। लेकिन धीराजा इतनी बुजुर्ग थी कि आग लगने के बाद वह झोपड़ी से निकल नहीं सकी और मौत ने उसे अपनी आगोश में ले लिया। बहु ननका ने धीराजा को बचाने की कोशिश की पर आग की तेज लपटों में उसकी कोशिश नाकाम रही।

घटना की सूचना पर दमकल विभाग के राहुल कुमार व चंद्रभूषण शुक्ला की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू तो कर लिया लेकिन धीरजा को नही बचा सके। दर्दनाक घटना की सूचना पर उप जिलाधिकारी रामआसरे वर्मा और पुलिस उपाधीक्षक जटाशंकर मिश्रा ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने आवश्यक लिखापढ़ी के बाद मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वही एसडीएम ने घटना की जांच के आदेश दे दिए है।

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