भाजपा नेतृत्व की अभी भी है पूर्व सांसद प्रियंका रावत पर नजर!

पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट कटने व संगठन में काम करने का मिल सकता है लाभ?

मंडल ब्यूरो रिपोर्ट

बाराबंकी । भाजपा की प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व सांसद प्रियंका सिंह रावत अभी भी टिकट की लाइन में मजबूती से डटी हुई है! यह अलग बात है कि उनके रास्ते में षडयंत्रों की बेरीकटिंग लगाई जा रही है। क्योंकि वह जनपद में तेज तर्रार नेत्री मानी जाती हैं। लेकिन सत्य यह भी है कि भाजपा नेतृत्व की नजर श्रीमती रावत पर अभी भी जमी हुई है! ऐसे में टिकट के मामले में प्रियंका नेतृत्व का आशीर्वाद प्राप्त कर तमाम सियासी षड्यंत्रों का लंकादहन कर बाराबंकी में भाजपा का डंका बजा सकती है ! बहरहाल प्रियंका रावत के लिए भाजपा नेतृत्व का फैसला व आदेश ही सर्वोपरि है।

बाराबंकी में वायरल वीडियो प्रकरण के बाद अब भाजपा का प्रत्याशी कौन होगा। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। भाजपा नेतृत्व बहुत ही सूझ बूझ के साथ इस मामले में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। चर्चाओं के मुताबिक जहां भाजपा नेतृत्व कई स्थानीय बड़े चेहरे को कसौटी पर कस रहा है। वही कई बाहरी चेहरों पर भी उसकी नजर लगी हुई है? बाराबंकी में वीडियो प्रकरण के बाद सांसद उपेंद्र रावत ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है? तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश महामंत्री पूर्व सांसद प्रियंका रावत ,पूर्व मंत्री बैजनाथ रावत, श्रीमती राजरानी रावत ,विधायक दिनेश रावत, शशांक कुशमेश जैसे अन्य लोग भी टिकट की होड़ में लगे हुए हैं।

सूत्रों से पता चला है कि भले ही बाराबंकी जनपद के कुछ नेता इस चर्चा को आगे बढ़ा रहे हो कि फला नेता टिकट के मामले में आगे है? प्रियंका रावत टिकट की होड़ से बाहर है। लेकिन उच्च सूत्रों से जो जानकारियां हासिल हो रही है उसमें अभी भी प्रियंका रावत भाजपा नेतृत्व की नजर में बनी हुई है।सनद रहे कि पूर्व में प्रियंका रावत का टिकट काटकर यहां उपेंद्र रावत को टिकट दिया गया था ।जिसे प्रियंका ने सहज स्वीकार किया था और फिर उन्हें भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश महामंत्री के पद पर सुशोभित किया था। प्रियंका रावत ने महामंत्री के पद पर संगठन के प्रत्येक कार्य को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। यही नहीं वह समय निकालकर बाराबंकी के विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेती रही है। चर्चा के मुताबिक बाराबंकी की भाजपा में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें प्रियंका रावत फूटी आंखों भी नहीं सुहाती है। इसका कारण केवल एक है कि वह अत्यंत तेजतर्रार नेत्री मानी जाती हैं !कार्यकर्ता के लिए वह बड़े से बड़े अधिकारी की खाल उखाड़ने की बात भी पूरी हिम्मत से कह देती रही है! प्रियंका रावत ने हमेशा निर्भीकता के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं का साथ दिया है। कटु सत्य है कि राजनीति में तेजतर्रार नेता को चरण चुंबन कर आगे बढ़ने वाले लोग पचा नहीं पाते हैं। पता चला है कि प्रियंका भाजपा नेतृत्व की नजर में एक ऐसी महायोद्धा है। जो बाराबंकी में गठबंधन प्रत्याशी को जोरदार टक्कर देकर यहां कमल का फूल खिला सकती हैं !वे वीडियो प्रकरण के बाद हताश हुए कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार कर सकती हैं! ऐसे में यदि भाजपा नेतृत्व बाराबंकी में महिला प्रत्याशी के बारे में कुछ सोचता है तो उसे प्रियंका को इग्नोर करना आसान नहीं होगा?

खबर यह भी है कि बाराबंकी में भाजपा नेतृत्व बाहरी चेहरों को चुनाव लड़ाने पर भी विचार कर रहा है? लेकिन यदि ऐसा हुआ तो यह भाजपा के लिए मुश्किल होगा! क्योंकि बाहर से आने वाला कोई भी प्रत्याशी थोपा माना जाएगा? जिसका सीधा लाभ कांग्रेस व सपा के घोषित प्रत्याशी को मिलता नजर आएगा। साफ है कि यदि बीजेपी बाराबंकी में टिकट के चयन के मामले में चूकी तो यह भाजपा के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है। जहां तक सवाल है प्रियंका रावत का तो प्रियंका रावत बाराबंकी जनपद में जाना पहचाना चेहरा है। भाजपा नेतृत्व यह भली बात समझ रहा है कि प्रियंका ने टिकट कटने के बाद भी पार्टी का ईमानदारी से काम किया। वे ऐसी तेज तर्रार नेत्री है जो प्रत्याशी बनाए जाने पर भाजपा की सफलता की गारंटी बन सकती हैं! खबरें यह भी आम है कि प्रियंका रावत को रोकने के लिए तमाम षड्यंत्र किए गए? लेकिन आम कार्यकर्ताओं में प्रियंका का डंका सांसद न रहते हुए भी पूरे 5 वर्षों तक बजता रहा। भाजपा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रियंका रावत को यदि टिकट मिलता है तो ठीक रहेगा। पूर्व मंत्री बैजनाथ रावत व अन्य कोई भी जिले का निवासी हो। वह भी ठीक रहेगा। लेकिन अगर बाहरी प्रत्याशी थोपा गया तो यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा। दर्जनों भाजपाइयों ने चर्चा के दौरान कहा कि प्रियंका को टिकट मिलने पर उनका विरोध करने की चाह रखने वाले कई महारथी वक्त के बदले समीकरण की वजह से विरोध करने की स्थिति में आज रह ही नहीं गए हैं? वहीं दूसरी ओर प्रियंका सिंह रावत के लिए भाजपा नेतृत्व का प्रत्येक आदेश ही सर्वोपरि है। समर्थकों के मुताबिक श्रीमती रावत स्पष्ट रूप से यह कहती है कि पार्टी संगठन जो निर्देश देगा उसका वे पूरी ईमानदारी से पालन करेंगी।

उधर उच्च सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपा के रणनीतिकारों ने जिन नामों को टिकट की श्रेणी में शामिल कर रखा है ।उसमें प्रियंका का नाम प्रमुखता से शामिल है? ऐसे में टिकट किसको मिलेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा! लेकिन सत्य है कि यदि भाजपा नेतृत्व का आशीर्वाद मिला तो प्रियंका रावत षड्यंत्रों का लंका दहन कर बाराबंकी में भाजपा का डंका बजाती नजर आ सकती है!

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