रामनगर: बाराबंकी महादेवा महोत्सव के सांस्कृतिक मंच से बुंदेलखंड के लोकगीत आल्हा गायन की प्रस्तुतियों से कलाकारों ने समा बांध दिया। आल्हा गायक रघुनाथ टेलर ने भस्मासुर वध से लेकर आल्हा-ऊदल के शौर्य वीरता का वीर रस में बखान किया। आल्हा गायन सुन पंडाल में बैठे श्रोताओं की भुजाएं फड़क उठीं।
आल्हा गायक रघुनाथ टेलर ने शिव स्तुति ‘शिव समान दाता नहीं, विपद निवारण हार लज्जा मोरी राखिओ नंदी के असवार .. से बुदेंलखंड के लोकगीत आल्हा की शुरूआत की। इसके बाद ‘जउन नाच शिव संकर देखेय वहै नाच दियव देखय..जैसे लोक गीतों से भस्मासुर वध का शानदार वर्णन किया। आल्हा गायक ने ‘नगर महोबा एक बस्ती है यहि भारत के बीच मैदान,कहां के राज पर मालिक हैं जिनका जानै सकल जहांन..’, जा दिन जनम भवा उदल कै, धरती धंसी अढ़ाई हाथ, पुछि गोसईयां से पैदा भए एनसे तीनौं काल डेराय.. सुना कर न सिर्फ उदल विवाह का जीवंत वर्णन किया। बलकि लोगों में ऊर्जा भर दी। श्रोताओं से भरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। इस दौरान ‘गांजा ओ भाग का छोड़ दियव,शराब मा कोवौ न लगाएव..गीत आल्हा अंदाज में पेश कर नशा उंमूलन का भी संदेश दिया। शहनाई पर मैकूलाल,ढोलक पर बेचाराम,मंजीरा पर सुरजीत ने संगत की।
आकाशवाणी की लोक गायिका ने बिखेरा जलवा
रामनगर बाराबंकी।महादेवा महोत्सव के सतरंगी मंच पर आकाशवाणी की लोक गायिका अंजलि खन्ना ने एक के बाद एक सुंदर लोकगीत प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध दिया।उन्होंने मोरी गोरी बईया,दादरा गीत से कार्यक्रम का आगाज किया।इसके बाद आए मिथिला मगन भए आज,सिया का जन्म होई, सुनाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। लहंगा है मोरे गोटेदार,मैं पहन के नाचूंगी सुनाकर खूब तालियाँ बटोरी। आकाशवाणी की गायिका के द्वार चार बाजन बाजे द्वार, गीत की प्रस्तुति करते ही पूरा पंडाल तालिया की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। घरवा से निकली सुधड़ भौजइया भोजपुरी गायन हृदय को छू गया। प्रसिद्ध भजन मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे- आएंगे राम आएंगे सुनाकर सुधि श्रोताओं को राममय कर दिया।