दिव्यांगों के दैनिक जीवन स्तर में सुधार के लिए बेहतर कार्य करने पर डॉ. ओएन सरोज व छात्रा समृद्धि कुंवर को राज्य स्तरीय दिव्यांगता पुरस्कार से नवाजा जाएगा।

शहर के कंपनीबाग निवासी डाॅ. ओएन सरोज मूलरूप से सिरौलीगौसपुर के तुरकानी गांव के निवासी हैं। वह पोलियो से ग्रसित हो गए थे। आयुर्वेद में डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने दिव्यांगों की मदद करने का निर्णय लिया। वर्ष 1980 में उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के काफिले को हजारों दिव्यांगों के साथ रोक लिया था और दिव्यांगों को आर्थिक मदद मुहैया कराने की मांग की थी। इसके बाद दिव्यांगों को 60 रुपये प्रति माह मदद की घोषणा की थी।

इसके बाद डॉ. सरोज ने विकलांग सेवा समिति का गठन किया और अब तक दिव्यांगों के हित के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इन्होंने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में करीब तीन लाख दिव्यांगों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने में सहयोग किया।

वहीं, शहर के मकदूमपुर निवासी डॉ. डीबी सिंह की पुत्री समृद्धि कुंवर ने मात्र 12 साल की उम्र में ह्यूमन ट्रैकिंग डिवाइस यूजिंग जीपीएस उपकरण बनाया है। इस उपकरण को जूतों में लगाया जाता है। इससे दिव्यांगों के साथ बुजुर्गों के भटक जाने पर उन्हें आसानी से खोजा जा सकेगा। साथ ही अपहरण जैसी स्थिति में पीड़ित का पता लगाने में भी अहम भूमिका निभा सकता है। इस उपकरण के जरिए आसपास की आवाज भी सुनी जा सकती है।

छात्रा ने इसका पेटेंट भी कराया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उसे सम्मानित कर चुके हैं। शिक्षाविद डॉ. डीबी सिंह वर्तमान में लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, जबकि मां डॉ. विनीता सिंह श्री गंगा मेमोरियल गर्ल्स डिग्री काॅलेज में हिंदी की विभागाध्यक्ष हैं। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी एजाजुल हक खां ने बताया कि तीन दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में दोनों को सम्मानित किया जाएगा

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