बाराबंकी विकास खंड रामनगर के सिलौटा गौशाला की स्थित बद से बदतर पाई गई। गौशाला निरीक्षण हेतु जब स्थानीय संवाददाता पहुंचा तो वहां ताला बंद था वहां के कर्मचारियों से कहने पर बताया गया कि डीएम साहब का आदेश है कोई अंदर नहीं आएगा, यहां तक प्रधान भी नहीं आते हैं। यदि प्रधान नहीं आते तो वहां की व्यवस्था कैसी चलती होगी ईश्वर जाने। बात करने पर प्रधान ने कहा हम साइड पर है यहां आ जाओ बाद में प्रधान आए और कहने लगे कर्मचारियों को जानकारी नहीं थी। अब सवाल यह है की क्या पता कैसा चारा खिलाते हैं क्या-क्या करते हैं जाड़े में जानवर बाहर ही घूमा करते है

हद तो तब हुई जब संवाददाता खेत की तरफ जाकर देखा कि खुदे एक गड्ढे में चार-पांच जानवर खुले आम मृतक पड़े हुए हैं और उनके ऊपर चूना डाला गया है, चारों तरफ बदबू फैली है। यह कार्यकलाप प्रधान का है, तो इससे क्षेत्र में बीमारी फैलेगी या खत्म होगी? उसके बाद सेक्रेटरी अखिलेश्वर से संवाददाता बात करना चाहा तो बताया हम मीटिंग में है बाद में बात करेंगे परंतु कोई भी दोबारा फोन नहीं आया। पुनः वीडियो रामनगर फोन उठाना ही उचित नहीं समझे। यह स्थिति रामनगर विकासखंड की है कि प्रधान से लेकर उच्च अधिकारी तक अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। न्यूज़ लिखते समय जब पुनः प्रधान से जानकारी ली गई वह मुकर गए की कोई जानवर मृतक नहीं है यह सिलसिला चल रहा है गौशाला का। ठंड और भूख से तड़प तड़प कर मर रहे जानवर खुले आसमान में रहने को मजबूर भूख और प्यास से जानवर त्रस्त प्रधान और अधिकारी मस्त सरकार की लाख घोषणाओं के बाद देखरेख और खान-पान के अभाव में मर रहे जानवर कोई नहीं पुरसा हाल जानवरों के चारा घोटाले में जितने भी सनलिप्त हैं सरकार उस पर विशेष ध्यान दें

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