हरिओम सिंह अयोध्या
अयोध्या में हनुमानगढ़ी के सहायक पुजारी की हत्या कर दी गई। मंदिर के आश्रम में एक कमरे में पुजारी की लाश मिली। धारदार हथियार से गला काटकर उनकी हत्या की गई। कमरे में चारों तरफ खून बिखरा हुआ था। जिस कमरे में वारदात हुई वहां से महज 40-50 फीट की दूरी पर पुलिस तैनात थी। लेकिन, पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
मृतक पुजारी की शिनाख्त राम सहारे दास के तौर पर हुई। वह हनुमानगढ़ी की बसंतिया पट्टी के साकेतवासी संत दुर्बल दास के शिष्य थे। हनुमानगढ़ी के आश्रम के जिस कमरे में पुजारी की लाश मिली, वहां वह अपने 2 चेलों के साथ रहते थे। 1 फरार है, ऐसे में पुलिस उन्हें ढूंढ रही हैं।
ये हत्या क्यों की गई। इसके पीछे के कारण स्पष्ट नही है अयोध्या के IG प्रवीण कुमार और SSP राज करण नैय्यर भी मौके पर आए । छानबीन में सामने आया कि गला रेतकर हत्या हुई। लेकिन मौके से धारदार हथियार नहीं मिला। आश्रम में फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया।
गुरुवार सुबह करीब 6 बजे हत्या का पता उस वक्त चला, जब पुजारी के कमरे का दरवाजा नहीं खुला। अमूमन राम सहारे दास तड़के उठते थे। पूजा शुरू कर देते थे। गुरुवार को ऐसा नहीं हुआ। उनके कमरे के दरवाजे बंद थे। उनके कमरे में रहने वाले चेले ने जाकर दरवाजा खोला। हल्का धक्का दिया तो दरवाजे खुल गए। अंदर चारों तरफ खून बिखरा हुआ था। पुजारी की लाश पड़ी थी। उसने अन्य साधुओं को बताया। फिर पुलिस को जानकारी दी।